चीन पर बहस के दौरान आरएसएन सिंह ने कहा, अगर चीन के प्रति इतनी ही सहानुभूति है तो चीन-पाक कॉरीडोर में घर बना लो अपना. 1962 में आप जैसे लोग माला लेकर चीन का स्वागत करने के लिए खड़े थे. इस पर सुनीत चोपड़ा ने कहा, 1962 में क्या हुआ था मुझे नहीं मालूम. आज की बात करिए, जब पीएम चीन का नाम लेने से भी डरते हैं.