दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कई इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है. सबसे ज्यादा खतरे में आईएसबीटी का इलाका है, जहां पानी भरने की आशंका बढ़ गई है. इसके अलावा मजनू का टीला, गीता कॉलोनी, निगम बोध घाट, आईटीओ, जामिया नगर और मदनपुर खादर जैसे निचले क्षेत्र भी बाढ़ के खतरे की जद में हैं. आईटीओ का इलाका तो हल्की बारिश में भी जलभराव झेलता है, ऐसे में बढ़ा हुआ जलस्तर वहां बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है.
2023 जैसी स्थिति की आशंका
विशेषज्ञों का अनुमान है कि यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है. यह आंकड़ा 2023 की भयावह बाढ़ की याद दिलाता है, जब जलस्तर 207 मीटर तक पहुंचा था और दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए थे. उस समय आईटीओ बैराज के गेट बंद होने से स्थिति और बिगड़ गई थी, जिन्हें बाद में सेना की मदद से खोला गया. इस बार प्रशासन ने पहले ही वजीराबाद से लेकर ओखला बैराज तक सभी गेट खोल दिए हैं, ताकि पानी का दबाव कम किया जा सके और उसका रुख उत्तर प्रदेश की ओर मोड़ा जा सके.
प्रशासन ने की पुख्ता तैयारी
हालात से निपटने के लिए दिल्ली प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है. एनडीआरएफ और बीएसएफ की वाटर विंग को तैनात किया गया है. साथ ही ईस्ट दिल्ली सिविल एडमिनिस्ट्रेशन ने भी नावों और राहत सामग्री की व्यवस्था की है. लोगों को सचेत किया जा रहा है और निचले इलाकों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की जा रही है.
फिलहाल, सबसे ज्यादा खतरा आईएसबीटी, आईटीओ, गीता कॉलोनी और खादर क्षेत्र में बना हुआ है. प्रशासन का कहना है कि लोगों को डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि इस बार व्यवस्थाएं पहले से बेहतर और मजबूत की गई हैं.
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