Delhi Pollution
Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया है. प्रदूषण की वजह से नई पीढ़ी का मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है. देखें वीडियो
Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में भीषण प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया है. प्रदूषण की वजह से सिर्फ फेफड़ों और दिल की बीमारी का खतरा ही नहीं होता बल्कि इससे दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है. हाल ही में हुई एक इंटरनेशनल रिसर्च के मुताबिक नई पीढ़ी का मानसिक विकास प्रदूषण की वजह से प्रभावित हो रहा है. प्रदूषण के कारण कई तरह की मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
ब्रेन भी प्रदूषण की मार से परेशान
प्रदूषण का असर सिर्फ आपके फेफड़ों तक ही सीमित रहे. यह जरूरी नहीं. पूरा नर्वस सिस्टम यहां तक कि ब्रेन भी प्रदूषण की मार से परेशान नजर आता है. और खासतौर पर तब जब नई स्टडी आई है जो नेचर मैगजीन में पब्लिश भी हो चुकी है. उसके हिसाब से 0-39 साल की उम्र तक तो ब्रेन सेल का विकास होता है. और उसके बाद डिफरेंट स्टेज होती है. यानी प्रदूषण का असर सिर्फ बुजुर्गों और बच्चों में नहीं बल्कि युवाओं और जो जवान हमारी वर्किंग एज पापुलेशन है उसमें भी नजर आता है.
पर्सनल लाइफ में भी नकारात्मक असर
अगर दिल्ली में कोई व्यक्ति काम कर रहा है तो उसका अधिकांश सामना 400-500 एक्यूआई के प्रदूषण से हो रहा है. इससे आपके पर्सनल रिलेशनशिप्स में भी नकारात्मक असर पड़ सकता है.
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