सोमवार को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में एक चौंकाने वाली घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के लिए गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) पर गुस्साई भीड़ के हमले का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने समय रहते उन्हें सुरक्षित बचा लिया. इस घटना के पीछे एक गंभीर मामला है, जिसमें एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी द्वारा एक पुलिसकर्मी की पत्नी और बेटी की हत्या की गई.
कानून व्यवस्था पर सवाल
घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्सा और तनाव बढ़ा दिया है. आरोप है कि कुदीप साहू नामक इस अपराधी ने पहले एक पुलिस कांस्टेबल पर गर्म तेल फेंकने की कोशिश की और बाद में पुलिसकर्मियों को जान से मारने का प्रयास किया. इस घटना ने केवल पुलिस बल को ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय को हिलाकर रख दिया है.
पत्नी और बेटी की हत्या
हेड कांस्टेबल तालिब शेख की पत्नी मेहनाज और उनकी 11 वर्षीय बेटी आलिया की हत्या ने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है. शेख जब ड्यूटी के बाद घर लौटे, तो उन्होंने दरवाजा टूटा हुआ पाया और घर के अंदर खून के धब्बे देखे. इस भयावह स्थिति ने उन्हें तुरंत पुलिस को सूचित करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शेख के परिवार की तलाश शुरू की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
अपराधियों को कड़ी सजा की मांग
स्थानीय नागरिकों का यह मानना है कि प्रशासन को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए. अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि अन्य लोगों में कानून के प्रति डर बना रहे. इस मामले को लेकर लोगों ने एसडीएम जगन्नाथ वर्मा पर हमला किया जब उन्होंने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बचा लिया. लोगों का मानना है कि पुलिस प्रशासन को भी चाहिए कि वे अपराधियों पर कड़ी नजर रखें और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करें.
यह घटना न केवल सूरजपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक चेतावनी है कि यदि हम सुरक्षा और कानून व्यवस्था के प्रति सजग नहीं रहे, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है. हमें सभी को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे.