अमेरिका की टेलर ए. हम्फ्री बच्चों के नामकरण का अनोखा बिजनेस चलाती हैं. अपने प्रीमियम पैकेज के लिए वे करीब 26 लाख रुपये ($30,000) तक चार्ज करती हैं और अब तक 500 से ज्यादा परिवारों के बच्चों के नाम रख चुकी हैं.
आज के दौर में हर कोई अपना बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करना चाहता है. हर दिन कोई न कोई नया और अनोखा आइडिया सामने आता है जो लोगों की जिंदगी को आसान बना देता है. ऐसा ही एक अनोखा और दिलचस्प स्टार्टअप शुरू किया है टेलर ए. हम्फ्री ने, जिन्होंने बच्चों के नामकरण को अपना बिजनेस बना लिया.
कौन हैं टेलर हम्फ्री?
टेलर हम्फ्री अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में रहती हैं और वहीं से अपना नामकरण का बिजनेस चलाती हैं. शुरुआत में जब उन्होंने यह काम शुरू किया था, तब उन्होंने बहुत कम कीमत पर बच्चों के नाम रखने की सेवा शुरू की थी. न्यूयार्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले वह लगभग 100 डॉलर में नामकरण करती थीं, लेकिन आज उनकी फीस बढ़कर 30,000 डॉलर यानी 26,64,889 रुपये तक पहुंच गई है.
नामकरण कैसे करती हैं टेलर हम्फ्री?
टेलर बच्चों का नाम सिर्फ यूं ही नहीं रखतीं, बल्कि वे माता-पिता के नाम, परिवार की पृष्ठभूमि, रिश्तों की बॉन्डिंग और उनके विचारों को ध्यान में रखती हैं. उनके पास बेसिक से लेकर प्रीमियम पैकेज तक कई सेवाएं हैं. बेसिक पैकेज में वे ईमेल के जरिए नाम सुझाती हैं, जबकि प्रीमियम पैकेज में माता-पिता से गहराई से बातचीत कर नाम तय करती हैं. कुछ मामलों में वे माता-पिता के बीच बच्चों के नाम को लेकर होने वाले मतभेदों को भी सुलझाती हैं.
आज टेलर हम्प्री के क्लाइंट्स में कई अरबपति और हॉलीवुड सेलिब्रिटीज शामिल हैं. उन्होंने अब तक 500 से ज्यादा फैमिलीज के बच्चों के नाम रखे हैं. सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं और उनके काम की काफी प्रशंसा की जाती है.
क्यों है यह बिजनेस खास
भारत में जहां बच्चे का नाम ज्यादातर कुंडली या धार्मिक परंपरा के आधार पर रखा जाता है, वहीं टेलर का तरीका आधुनिक और मनोवैज्ञानिक है. उनका मानना है कि किसी व्यक्ति का नाम उसके भविष्य, व्यक्तित्व और जीवन की दिशा को प्रभावित करता है. यही कारण है कि कई परिवार उन्हें बहुत विश्वसनीय और प्रेरणादायक नाम विशेषज्ञ मानते हैं.
टेलर हम्फ्री का यह नामकरण बिजनेस आज दुनिया भर में चर्चा का विषय बन चुका है. जो काम भारत में परंपरा के रूप में देखा जाता है, उसने अमेरिका में एक सफल स्टार्टअप का रूप ले लिया है. उनका यह अनोखा विचार साबित करता है कि सही सोच और क्रिएटिविटी से कोई भी काम बड़ा बिजनेस बन सकता है.
यह भी पढ़ें- भारत का स्वर्ण भंडार 2.2 बिलियन डॉलर बढ़कर 95.01 बिलियन डॉलर हुआ, कुल विदेशी मुद्रा भंडार 700.2 बिलियन डॉलर