Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपपू चंद्र की निर्मम हत्या का मामला अब अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय चुका है.
बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपपू चंद्र की निर्मम हत्या का मामला अब अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है. इस घटना ने न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. अब इस मामले में बांग्लादेशी अधिकारियों का बड़ा बयान सामने आया. अधिकारियों ने साफ कहा कि दीपू पर लगाए गए सभी आरोपों का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिला है. यह साबित नहीं हो पाया है कि मृतक ने किसी भी तरह से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली कोई टिप्पणी की थी. इस खुलासे के बाद सवाल और गहरे होते चले गए. आखिर एक निर्दोष युवक को इतनी बेरहमी से क्यों मार दिया गया?
हथियारों से बेरहमी से पीटा गया
यह दिल दहला देने वाली घटना बांग्लादेश के महमंत सिंह जिले के भालूका इलाके की है. यहां कथित ईशा निंदा के आरोप में उग्र भीड़ ने दीपू चंद्र को घेर लिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पहले उसे लाठियों और हथियारों से बेरहमी से पीटा गया. उसके बाद उसके शव को एक पेड़ से लटका दिया गया और फिर आग के हवाले कर दिया गया.
आपत्तिजनक पोस्ट करने का कोई प्रमाण नहीं मिला है
सबसे भयावह बात यह रही कि इस पूरी घटना के दौरान वहां मौजूद हजारों लोग अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाते रहे. किसी ने उसे बचाने की कोशिश तक नहीं की. भीड़ का यह चेहरा इंसानियत पर गहरा सवाल खड़ा करता है. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक मेमन सिंह रैपिड एक्शन बटालियन के कंपनी कमांडर ने साफ कहा है कि Facebook या किसी अन्य माध्यम पर दीपू की ओर से कोई आपत्तिजनक पोस्ट करने का कोई प्रमाण नहीं मिला है.
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