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ममता बनर्जी ने कहा, सीपीएम के साथ मिलकर काम करने को तैयार

पश्चिम बंगाल की राजनीति में आलम यह है कि दोनों के समर्थक एक-दूसरे को फूटी आंख भी नहीं सुहाते। ऐसे में यह बयान महत्वपूर्ण है।

Updated on: 12 Nov 2016, 09:26 PM

highlights

  • सीपीएम के साथ हाथ मिलाने को तैयार ममता बनर्जी
  • 16 नवंबर को राज्य सभा में नोटबंदी पर चर्चा की मांग

नई दिल्ली:

नोटबंदी पर विभिन्न पार्टियों के विरोध के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार यह कह कर सबको चौंका दिया है कि देश को बचाने के लिए वह सीपीएम के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।

कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बनर्जी ने कहा, 'सीपीएम के साथ हमारा वैचारिक विरोध है लेकिन देश को बचाने के लिए हम उनके साथ-साथ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के साथ काम करने को तैयार हैं।'

CPI (M) और ममता की 'दुश्मनी' जगजाहिर

भले ही ममता बनर्जी ने सीपीएम का नाम कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के साथ लिया लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि ममता बनर्जी और सीपीएम के बीच के मतभेद की गहराई के बारे में सभी जानते हैं।

पश्चिम बंगाल की राजनीति का आलम यह है कि दोनों के समर्थक एक-दूसरे को फूटी आंख भी नहीं सुहाते। बंगाल में बात वैचारिक मतभेद से कहीं आगे मार-काट और खून खराबे तक पहुंच चुकी है। ऐसे में ममता बनर्जी के इस बयान के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

'बीजेपी के कुछ नेताओं को पहले से पता थी नोटबंदी की बात'!

बनर्जी यह आरोप लगाने से भी नहीं चूकीं कि केंद्र में सत्ता में मौजूद बीजेपी के कुछ लोगों को इस बारे में पता था कि 500 और 1000 के नोट बंद होने वाले हैं। बनर्जी ने बताया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस राज्य सभा में 16 नवंबर को इस बारे में चर्चा के लिए नोटिस दे चुकी है। संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू हो रहा है।

बनर्जी ने नोटबंदी को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने बिना किसी पूर्व योजना के इसे लागू कर दिया। बनर्जी ने कहा, 'लोगों की समस्याएं सुनने के लिए मैं खुद कई बैंकों में गई। दो लाख से ज्यादा एटीएम बंद हैं। पैसे नहीं हैं। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।'