‘वह भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं’, निशिकांत दुबे पर मनोज झा का पलटवार

‘वह भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं’, निशिकांत दुबे पर मनोज झा का पलटवार

author-image
IANS
New Update
‘वे भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं’, निशिकांत दुबे के पोस्ट पर सांसद मनोज झा का पलटवार

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए पोस्ट पर राजद सांसद मनोज झा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे वह सभी कार्य कर रहे हैं, जिससे विदेशों में भारत की साख को नुकसान पहुंचे।

बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को यह मालूम होना चाहिए कि अगर परतें खुलेंगी तो बहुत सारी खुलेंगी।

उन्होंने कहा कि भारत-पाक के सीजफायर के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता पर सरकार ने ट्रंप को चुप क्यों नहीं कराया। क्यों नहीं कहा कि यह हमारा मामला है।

मनोज झा ने कहा कि जिस दिन निशिकांत दुबे का नाम विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में आया था तब मुझे लगा था कि मैं पीएम मोदी से अपील करूं कि गुडविल मिशन बना रहे हैं या फिर डैमेज मिशन बना रहे हैं। अगर यह उनके नवरत्नों में से हैं तो मुझे इसके आगे कुछ भी नहीं कहना है।

पीएम मोदी के बिहार दौरे को लेकर सांसद मनोज झा ने कहा कि अभी चुनाव का समय है, इसलिए प्रधानमंत्री बार-बार आएंगे। अभी काफी गर्मी है, इसलिए हो सकता है कि लिट्टी खाते हुए उनकी तस्वीरें भी आएं। ये सब तो होगा ही। लेकिन, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा चाहिए। अब सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा।

उन्होंने कहा कि बिहार अब श्रम सप्लाई का केंद्र नहीं बना रहना चाहता। ये नहीं कि पूंजी गुजरात में और श्रमिक यहां से, ये नहीं चलेगा। औपनिवेशिक शासनकाल से बिहार ने यह भुगता है। बिहार का पलायन यहां की चुनौती है। हमारी पार्टी लगातार कह रही है कि बिहार में सरकार नहीं बदलेगी, सरोकार भी बदलेगा।

पूर्व पीएम को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में लिखा, गांधी होना आसान नहीं। यह पत्र अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रेगन का तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के द्वारा लिखे पत्र के उत्तर में है। 1972 के शिमला समझौते के तहत जब यह तय हो गया कि भारत पाकिस्तान के बीच किसी विवाद पर बातचीत केवल दोनों देशों के बीच होगी, कोई मध्यस्थ नहीं होगा तो भारतीय तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने अमेरिकी राष्ट्रपति रेगन से पाकिस्तान से बातचीत के लिए मदद क्यों मांगी।

--आईएएनएस

डीकेएम/एबीएम

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment