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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
वाराणसी, 9 सितंबर (आईएएनएस)। वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के प्रस्तावित दौरे को लेकर शहर में तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को पुलिस लाइन मैदान में सेना के तीन हेलीकॉप्टरों ने टच एंड गो रिहर्सल कर सुरक्षा और व्यवस्थाओं का पूर्वाभ्यास किया। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह की चूक से बचने के लिए लगातार सतर्क हैं।
जानकारी के अनुसार, मॉरीशस के प्रधानमंत्री बुधवार को वाराणसी पहुंचेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन 11 सितंबर को होगा। दोनों प्रधानमंत्रियों के इस दौरे को लेकर तमाम तैयारियां की जा रही हैं। वाराणसी को सजाने और संवारने का काम युद्धस्तर पर जारी है। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मंगलवार को विभिन्न स्थानों का दौरा कर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया। दोनों प्रधानमंत्रियों की मूवमेंट के दौरान शहर के हर कोने में कड़ी निगरानी रखी जाएगी। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर कई कड़े इंतजाम किए हैं। रूट डायवर्जन से लेकर ट्रैफिक व्यवस्था, सुरक्षा चक्र और स्थानीय जनसंपर्क तक सभी विभाग समन्वय से कार्य कर रहे हैं।
बता दें कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम 10 से 12 सितंबर तक तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी आ रहे हैं। वहीं, पीएम मोदी 11 सितंबर को एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी आएंगे। इस दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक भी प्रस्तावित है। इस मुलाकात को भारत और मॉरीशस के संबंधों के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।
अपने दौरे के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे और गंगा नदी में क्रूज यात्रा के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का नजारा भी करेंगे। माना जा रहा है कि वह बनारस की आध्यात्मिक विरासत और सांस्कृतिक धरोहर से बहुत प्रभावित हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री रामगुलाम के बीच बैठक में भारत-मॉरीशस के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग को लेकर बातचीत होगी। दोनों देशों के बीच लंबे समय से मजबूत द्विपक्षीय संबंध रहे हैं और इस मुलाकात से उसमें और मजबूती आने की उम्मीद है।
वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा खास मायने रखता है, क्योंकि यह उनका संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में स्थानीय विकास परियोजनाओं की समीक्षा और जनता से संवाद की भी संभावना जताई जा रही है। तीन दिनों तक काशी में आध्यात्म, कूटनीति और सांस्कृतिक समरसता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
--आईएएनएस
पीएसके
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