वजन घटाने वाली दवाएं अब सिर्फ मोटापा ही नहीं, दिल की बीमारी से भी बचा सकती हैं: शोध

वजन घटाने वाली दवाएं अब सिर्फ मोटापा ही नहीं, दिल की बीमारी से भी बचा सकती हैं: शोध

वजन घटाने वाली दवाएं अब सिर्फ मोटापा ही नहीं, दिल की बीमारी से भी बचा सकती हैं: शोध

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IANS
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वजन घटाने वाली दवाएं अब सिर्फ मोटापा ही नहीं, दिल की बीमारी से भी बचा सकती हैं: शोध

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। आज के समय में मोटापा एक बड़ी समस्या बन चुका है। लोग घंटों जिम में पसीना बहाते हैं, डाइटिंग करते हैं, लेकिन फिर भी वजन कम कर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। ऐसे में कुछ दवाएं हैं, जैसे ओजेम्पिक, जिसकी चर्चा इन दिनों बहुत हो रही है। ये दवा पहले सिर्फ मोटापा घटाने के लिए जानी जाती थीं, लेकिन अब इससे जुड़ी एक चौंकाने वाली रिसर्च सामने आई है। एक नई अमेरिकी रिसर्च में यह पता चला है कि ये दवाएं दिल की बीमारी से भी बचाने में मददगार हो सकती हैं।

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दरअसल, अमेरिका के बोस्टन शहर में मौजूद एक नामी मेडिकल ग्रुप मास जनरल ब्रिघम के डॉक्टरों ने यह रिसर्च की। बता दें कि यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो स्वास्थ्य और चिकित्सा से जुड़े गंभीर मामलों पर रिसर्च करता है। रिसर्च को स्पेन के मैड्रिड में हुए दुनिया के सबसे बड़े दिल के रोगों से जुड़े सम्मेलन में पेश किया गया। इसके नतीजों ने पूरी मेडिकल दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा।

रिसर्च में बताया गया है कि जो लोग पहले से दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए ये वजन घटाने वाली दवाएं जीवन रक्षक का काम कर सकती हैं। इन दवाओं की वजह से हार्ट के मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत कम आती है और उनकी समय से पहले मृत्यु का खतरा भी घट जाता है। रिसर्च में खास तौर पर दो दवाओं, सेमाग्लूटाइड और टिर्जेपेटाइड, पर ध्यान दिया गया।

यूसी डेविस मेडिकल सेंटर के मुताबिक, ओजेम्पिक को सामान्य रूप से सेमाग्लूटाइड के नाम से जाना जाता है। इसे अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने साल 2017 में टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों के इलाज के लिए मंजूरी दी थी। यह एक इंजेक्शन है; इसे हफ्ते में एक बार लिया जाता है। यह पैंक्रियाज को अधिक इंसुलिन बनाने में मदद करके ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है।

शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च को 90,000 से ज्यादा ऐसे मरीजों पर किया, जो हार्ट फेलियर के साथ-साथ मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज से भी पीड़ित थे। जब आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, तो पता चला कि सेमाग्लूटाइड लेने वाले मरीजों की जल्दी मौत या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 42 प्रतिशत तक कम हो गई। वहीं टिर्जेपेटाइड का असर और भी ज्यादा था; यह जोखिम करीब 58 प्रतिशत तक घट गया।

शोधकर्ता ने बताया कि इन दवाओं ने न सिर्फ वजन कम किया, बल्कि दिल पर पड़ने वाले बुरे असर को भी कम किया। उन्होंने कहा कि आगे चलकर ये दवाएं दिल के मरीजों के इलाज में एक नया और असरदार विकल्प बन सकती हैं।

भारत में भी अब ये दवाएं धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही हैं। कुछ बॉलीवुड सितारों ने भी इनका उपयोग कर अपना वजन कम किया है। यही वजह है कि फैंस और आम लोग भी इन दवाओं का प्रयोग करने लगे हैं। हालांकि, डॉक्टरों का साफ कहना है कि इन दवाओं का इस्तेमाल अपने मन से नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये सामान्य दवाएं नहीं हैं। इनका सेवन केवल डॉक्टर की सलाह और निगरानी में ही करना सुरक्षित होता है।

--आईएएनएस

पीके/केआर

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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