देहरादून, 11 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तराखंड में चल रहे पंचायत चुनावों में धनबल और शराब के दुरुपयोग को रोकने के लिए आबकारी विभाग ने कड़े कदम उठाए हैं। प्रदेश के सभी 12 जिलों में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो शराब के अवैध भंडारण और वितरण पर नजर रख रही है। जिला आबकारी अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि चुनाव स्वच्छ और निष्पक्ष हो।
संयुक्त आबकारी आयुक्त (कुमाऊं मंडल) केके कांडपाल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि शासन के निर्देश पर विशेष टीमें गठित की गई हैं। इनमें हाल ही में भर्ती हुए 90 आबकारी सिपाहियों को शामिल किया गया है। ये टीमें प्रदेश की सीमाओं पर और बाहर से आने वाली अवैध शराब पर कड़ी निगरानी रख रही हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में जिला आबकारी अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। चुनाव के दौरान शराब के उत्पादन, भंडारण और वितरण को पूरी तरह रोकने के लिए आबकारी विभाग ने सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्ट स्थापित किए हैं। इन चेक पोस्ट पर विशेष टीमें तैनात हैं, जो अवैध शराब की आवाजाही पर नजर रख रही हैं।
कांडपाल ने बताया कि उनकी टीमें दिन-रात सक्रिय हैं और किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में पंचायत चुनाव जीतने के लिए कथित तौर पर कुछ प्रत्याशी अनुचित तरीकों का सहारा ले रहे हैं, जिसमें शराब का वितरण भी शामिल है। इसे रोकने के लिए आबकारी विभाग और जिला प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। विभाग का लक्ष्य है कि पंचायत चुनाव पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों। इसके लिए सभी जिलों में प्रवर्तन दलों को सक्रिय किया गया है, जो शराब के अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से भी अपील की है कि वे ऐसी गतिविधियों की सूचना तुरंत दें, ताकि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो सके।
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