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यूपी के सबसे बड़े सम्मान यश भारती की होगी जांच, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए आदेश

समाजवादी पार्टी द्वारा शुरु किए गए प्रदेश के सबसे बड़े सम्मान यश भारती की अब जांच होगी।

Updated on: 21 Apr 2017, 02:25 PM

नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी द्वारा शुरु किए गए प्रदेश के सबसे बड़े सम्मान यश भारती की अब जांच होगी। यह जांच राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कराएंगे। योगी आदित्यनाथ ने यश भारती पुरस्कार की गहन समीक्षा करने के निर्देश जारी किए हैं। 

योगी आदित्यनाथ ने पुरस्कारों के वितरण के दौरान उसकी गरिमा का भी ध्यान रखने की बात कही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर गंभीरता से लेते हुए कहा कि 'अपात्रों को अनावश्यक पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है।'

बता दें कि यूपी में कला, संस्कृति, साहित्य और खेलकूद में अग्रणी रहने वाले लोगों को यह अवार्ड दिया जाता है। ख़ास बात यह है कि इस अवॉर्ड की शुरुआत मुलायम सिंह यादव ने साल 1994 में की थी।

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इस अवॉर्ड में ईनाम स्वरूप 11 लाख रुपये और इसके अलावा ताउम्र 50 हजार रुपये की पेंशन भी मिलती है।

अब तक यह अवॉर्ड बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन, हरिवंश राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शुभा मुद्गल, रेखा भारद्वाज, रीता गांगुली, कैलाश खेर, अरुणिमा सिन्हा, नवाज़ुद्दीन सिद्द़ीकी़, नसीरूद्दीन शाह, रविंद्र जैन, भुवनेश्वर कुमार जैसी हस्तियों को दिया जा चुका है।

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इस पुरस्कार वितरण पर कई बार आरोप भी लगे हैं और यहां तक कहा गया कि अखिलेश यादव ने यह अवार्ड राज्य के गरीब लोगों को आर्थिक मदद देने के लिए दिए गए।

हैरानी की बात तो यह है कि अखिलेश यादव सरकार ने एक बार पुरुस्कार वितरण समारोह का संचालन करने वाली महिला के काम से खुश होकर मंच से ही उसे भी यह पुरस्कार देने की घोषणा कर दी।

इस प्रकार के आरोपों के चलते योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गलत लोगों को पुरस्कार देकर इस सम्मान की गरिमा नहीं गिरानी चाहिए। अगर इस पुरुस्कार की जांच हुई तो नाकाबिल लोगों को अवॉर्ड मिलने पर उनकी पेंशन राशि जो कि 50 हज़ार रुपया है वो बंद हो सकती है।

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