शिवपाल यादव ने बनाई नई पार्टी, अखिलेश ने कहा- हम आस्तीन के सांप को पहचानते हैं
अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में शिवपाल को आस्तीन का सांप करार दिया। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि हमलोग आस्तीन के सांपों को पहचान लेते हैं। सपेरे तो कहीं से भी सांप निकाल सकते हैं।
highlights
- शिवपाल यादव बनाएंगे 'समाजवादी पार्टी सेक्युलर मोर्चा', मुलायम होंगे अध्यक्ष
- अखिलेश का इशारों-इशारों में शिवपाल पर हमला, कहा- हमलोग आस्तीन के सांपों को पहचान लेते हैं
नई दिल्ली:
समाजवादी पार्टी नेता और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को कहा कि वह नई पार्टी बनाने जा रहे हैं जिसके अध्यक्ष उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव होंगे।
शिवपाल यादव ने कहा कि नई पार्टी का नाम 'समाजवादी पार्टी सेक्युलर मोर्चा' होगा।
नई पार्टी बनाये जाने पर अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में शिवपाल को आस्तीन का सांप करार दिया।
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा, 'हम पॉलटिकल लोग हैं, हमलोग आस्तीन के सांपों को पहचान लेते हैं। सपेरे तो कहीं से भी सांप निकाल सकते हैं।'
अखिलेश यादव ने शिवपाल के समाजवादी पार्टी सेक्युलर मोर्चा पर कहा, 'देश में जरूरत है की एक ऐसी ताकत बने, जो सेक्यूलर हो और देश को विकास के रास्ते पर ले जाये।'
Desh mein zaroorat hai ki aisi taakat bane, jo secular ho aur desh ko vikas ke raaste par le jaaye: Akhilesh Yadav pic.twitter.com/dgb3Txh1t7
— ANI UP (@ANINewsUP) May 5, 2017
कांग्रेस से गठबंधन पर अखिलेश यादव ने कहा कि भले ही कांग्रेस निकाय चुनाव अलग लड़ रही है लेकिन कांग्रेस के साथ आगे हमारा गठबंधन रहेगा।
शिवपाल यादव पार्टी में 2016 से हाशिए पर हैं। अखिलेश द्वारा शिवपाल को पहले कैबिनेट से बाहर कि या गया और फिर उन्हें व मुलायम सिंह यादव को समाजवादी पार्टी के पदों से बेदखल कर दिया गया।
शिवपाल ने कहा कि उन्हें 'मुलायम सिंह का सम्मान बहाल करने के लिए' पार्टी बनाने पर मजबूर होना पड़ा।बीते एक हफ्ते से शिवपाल लगातार अखिलेश पर शब्दों के तीर छोड़ रहे हैं और समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष पद मुलायम सिंह यादव को वापस देने की मांग कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद कहा था कि वह विधानसभा चुनावों के बाद मुलायम को इस पद पर बहाल कर देंगे।
समाजवादी पार्टी को फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों में भारी झटका लगा। उत्तर प्रदेश की 403 सीटों वाली विधानसभा में समाजवादी पार्टी को सिर्फ 47 पर जीत मिली।
परिवार में विवाद व सत्ता संघर्ष को लेकर शिवपाल यादव का अपने भतीजे के साथ कई महीनों तक विवाद चला। शिवपाल, मुलायम को 'सम्मान नहीं दिए जाने पर' अतीत में दो बार पार्टी छोड़ने और अपनी नई पार्टी बनाने की चेतावनी दे चुके हैं।
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