उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निरीक्षण किया. यह एयरपोर्ट निर्माणाधीन चरण में है और उत्तर भारत के लिए एक बड़ा एविएशन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निरीक्षण किया. यह एयरपोर्ट निर्माणाधीन चरण में है और उत्तर भारत के लिए एक बड़ा एविएशन हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. मौके पर उनके साथ नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू मौजूद रहे.
इसके अलावा डीजीएस, सीआईएसएफ, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एनआईएएल और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी निरीक्षण का हिस्सा रहे. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महीने में दो बार इस एयरपोर्ट की प्रगति का जायजा ले चुके हैं, जो परियोजना को लेकर राज्य सरकार की गंभीरता को दर्शाता है.
निरीक्षण में क्या सामने आया?
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया कि एयरपोर्ट को अभी तक एयरोड्रम लाइसेंस नहीं मिला है, जिसके अभाव में उड़ान सेवाएं शुरू नहीं की जा सकतीं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि लाइसेंस की प्रक्रिया को तुरंत पूरा किया जाए और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए. साथ ही उन्होंने निर्माण और संचालन से जुड़े शेष कंप्लायंस कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लक्ष्य तय समय में कार्य पूरा करने के साथ सभी तकनीकी और सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देने की नसीहत दी.
दिल्ली एयरपोर्ट का दबाव कम करेगा जेवर
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तैयार होने के बाद यह दिल्ली-एनसीआर का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बन जाएगा. दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर दूर स्थित यह एयरपोर्ट, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बढ़ते दबाव को कम करेगा. हर साल दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह नया केंद्र NCR और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए राहत लेकर आएगा. यहां से लोगों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए एक बेहतर और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा.
कार्गो और लॉजिस्टिक्स का बड़ा हब
जेवर एयरपोर्ट एक मेगा ग्रीनफील्ड परियोजना है. इसका लक्ष्य आधुनिक सुविधाओं, हाई-टेक सिस्टम और सस्टेनेबल मॉडल के साथ भारत का सबसे बड़ा एविएशन हब तैयार करना है. यह एयरपोर्ट न सिर्फ यात्री सेवाओं के लिए, बल्कि कार्गो और लॉजिस्टिक्स के लिए भी एक विशाल केंद्र बनने जा रहा है. इसके निर्माण के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार, निर्यात और आयात के क्षेत्र में भी उत्तर भारत की भागीदारी और मजबूत होगी. इससे क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में बड़ा इज़ाफा होने की उम्मीद है.
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