मायावती की बड़ी घोषणा, 'भविष्य में हर छोटे-बड़े चुनाव अपने बल पर लड़ेगी बसपा'
रविवार को लखनऊ में बीएसपी की एक अहम बैठक हुई. इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती ने संगठन में कई बदलाव किए. मायावती ने अब भविष्य में बिना कीसि गठबंधन के चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
highlights
- मायावती ने कहा कि पुराने गिले शिकवे भुला कर बसपा ने गठबंधन किया था
- सपा के व्यवहार के कारण गठबंधन आगे नहीं चलेगा
- बसपा अब हर चुनाव अकेले लड़ेगी
लखनऊ:
रविवार को लखनऊ में बीएसपी (BSP) की एक अहम बैठक हुई. इसमें बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने संगठन में कई बदलाव किए. बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP SUpremo Mayawati) ने अपने भाई आनंद कुमार (Anand Kumar) को पार्टी उपाध्यक्ष बनाया. वही अपने भतीजे को आकाश आनंद (Akash Anand) को नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है.
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लेकिन इस बैठक में सबसे खास बात यह रही कि मायावती (Mayawati) ने जमकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर निशाना साधा. इसमें उन्होंने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को भी लपेटे में ले लिया. लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन के खराब प्रदर्शन के लिए मायावती ने सपा को निशाने पर लिया.
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संगठन में बदलाव के बाद मायावती ने सोमवार को घोषणा की है कि बसपा हर छोटे-बड़े चुनाव को अपने दम पर लड़ेगी. मायावती ने ट्वीट किया कि ''बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली. इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था.
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फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था. वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया.
परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।
— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019
परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी.''
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आपको बता दें कि रविवार को हुई मीटिंग के बाद मीडिया में ऐसी खबरें आई थी कि मायावती ने सपा पर निशाना साधा है. जिसके मुताबिक मायावती ने इस बात की नाराजगी जताई थी कि उन्हें अखिलेश ने गठबंधन के हारने के बाद फोन तक नहीं किया. जबकि मायावती ने उन्हें गठबंधन की हार पर अफसोस जताया था.
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रिपोर्ट्स यह भी थी अखिलेश ने सतीशचंद्र मिश्रा से कहा था कि मायावती मुस्लिमों को टिकट न दें. क्योंकि इससे ध्रुवीकरण हो सकता है. समाजवादी पार्टी ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था. जिसके कारण दलितों पिछड़ों ने उन्हें वोट नहीं दिया. हालांकि अपने ट्वीट में मायावती ने इन खबरों का खंडन किया है.
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