UP: जब आस्था से कोई काम किया जाए तो उस काम का परिणाम कुछ अलग ही होता है. भगवान से मिलने की चाह तो हर भक्त की होती है, लेकिन कुछ भक्त अपनी भक्ति की मिसाल भी कायम कर देते हैं. कुछ ऐसा ही दो भक्तों ने कर दिखाया है. भगवान राम के प्रेम ने इन भक्तों को ऐसा अपनी ओर खींचा कि इन दोनों ने न तो किसी साधन का इंतजार किया और न ही किसी सुविधा की चिता. बस अपने दो पैरों पर दौड़ते हुए पहुंच गए अयोध्या और कर लिए रामलला के दर्शन.
1500 किलोमीटर की दूरी दौड़ कर की तय
सच्चे भक्त किसी सुविधा या साधन के मोहताज नहीं होते हैं. ये साबित कर दिखाया है दो धावकों ने. भगवान राम के दर्शनों के लिए इन भक्तों ने एक दो नहीं बल्कि पूरे 1500 किलोमीटर की दूरी दौड़कर तय की है. ये दोनों धावक 22 जनवरी को रामलला मैराथन की शुरुआत की थी.
हर दिन 60 किलोमीटर दौड़े
मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही गुजरात निवासी इन दोनों रनर ने हर दिन 60 किलोमीटर की दौड़ लगाई. आखिरकार ये दोनों धावक 1500 किमी की यात्रा तय कर अपने भगवान की शरण में पहुंचे और रामलला दरबार में माथा टेका. इस भक्तों की मानें तो सनातन धर्म और प्रमु श्रीराम के प्रति उनकी अटूट आस्था उन्हें इस काम के लिए प्रेरित कर पाई.
ऐसे पूरे किए 1500 किमी
सुनने में भी भले ही आसान लग रहा हो लेकिन 1500 किलोमीटर दौड़ना को मामूली काम नहीं है. इन दोनों ही धावकों के साथ एक इस दौरान एक सपोर्ट टीम भी रही. ये टीम इन धावकों को खाने-पीने से लेकर स्वास्थ्य तक हर चीज पर नजर रख रही थी. धावकों ने बताया कि प्रभु श्रीराम में भी उनकी अटूट आस्था है यही वजह है कि इस दौड़ को उन्होंने रामाथन यानी रामलला मैराथन नाम दिया.
मंदिर पहुंचते ही उतर गई थकान
इन भक्तों की मानें तो उन्होंने हर दिन काफी दौड़ लगाई. लेकिन जैसे ही दोनों मंदिर परिसर में पहुंचे उन दोनों की पूरी थकान दूर हो गई. मंदिर परिसर में एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव करने वाले इन भक्तों ने प्रभु राम के दरबार में माथा टेका और अपनी यात्रा को विराम दिया.