प्रयागराज महाकुंभ में आस्था डुबकी लगाने वालों की संख्या 57 करोड़ के पार पहुंच चुकी है. त्रिवेणी के जिस पावन जल में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए देश विदेश के विभिन्न हिस्सों से करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आ रहे हैं. उनके साफ जल उपलब्ध हो इसके लिए लगातार योगी सरकार प्रयास कर रही है. सिंचाई विभाग बीते दो महीने से उसकी नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग कर रहा है.
संगम में नियमित रूप से छोड़ा जा रहा है पानी
मेला धीरे-धीरे समापन की ओर है. सभी अमृत स्नान और माघ का महीना निकल जाने के बाद भी संगम में प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक लोग त्रिवेणी के पावन जल में डुबकी लगाने आ रहे हैं. संगम में इन श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त और निर्मल जल उपलब्ध हो, इसके लिए सिंचाई विभाग लगा हुआ है. प्रयागराज के सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता रमेश कुमार सिंह का कहना है कि संगम में प्रतिदिन लगभग 13 हजार क्यूसेक पानी गंगा बैराज से छोड़ा जा रहा है. दिसंबर 2024 से गंगा बैराज से नियमित अंतराल पर पानी छोड़ा जा रहा है. इसका उद्देश्य महाकुंभ के दौरान संगम पर पर्याप्त जल सुनिश्चित करना है.
संगम पर पर्याप्त जल स्तर के लिए बनी विशेष योजना
योगी सरकार की प्राथमिकता पूरे आयोजन के समय श्रद्धालुओं को संगम और गंगा के सभी घाटों में पर्याप्त मात्रा में निर्मल जल उपलब्ध कराना रहा है. आयोजन के पहले ही विशेष योजना बनाई गई थी. सिंचाई विभाग प्रयागराज के कार्यकारी अभियंता रमेश कुमार सिंह के मुताबिक दिसंबर 2024 से ही इसके लिए एक नियमित प्रक्रिया चल रही है. 10 फरवरी को 10,000 क्यूसेक पानी गंगा बैराज कानपुर से छोड़ा गया. फरवरी 11 को 10,300 क्यूसेक कर दिया गया.
इसी तरह 12 फरवरी को इसकी मात्रा बढ़ाकर 10,800 क्यूसेक कर दी गई. 13 फरवरी को 11,900 क्यूसेक, 14 फरवरी को 12,300 क्यूसेक, 15 फरवरी को 12,350 क्यूसेक, 17 फरवरी को 12550 क्यूसेक, 18 फरवरी को 12990 क्यूसेक और 19 फरवरी को 13,500 क्यूसेक कर दिया गया है. इस तरह लगातार संगम में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ाई जा रही है. उन्होंने यह भी बताया है कि पिछले 11 दिनों से संगम पर गहराई का स्तर 72.34 मीटर दर्ज किया गया है, जो साल के इस समय के लिए पर्याप्त है.