दौड़ाया और फिर नोचा, एक नहीं 13 लोगों को कुत्ते ने काटकर किया घायल

प्रयागराज के उतरांव थाना क्षेत्र के दमगड़ा गांव में एक पागल कुत्ते ने 13 लोगों को काटकर बुरी तरह घायल कर दिया है. इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है.

प्रयागराज के उतरांव थाना क्षेत्र के दमगड़ा गांव में एक पागल कुत्ते ने 13 लोगों को काटकर बुरी तरह घायल कर दिया है. इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है.

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Ravi Prashant
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डॉग अटैक न्यूज Photograph: (META AI)

प्रयागराज के उतरांव थाना क्षेत्र के दमगड़ा गांव में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब एक पागल कुत्ते ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी. आवारा कुत्ता गांव की गलियों में घूमता रहा और जिसने भी रास्ते में उसे रोकने की कोशिश की, उस पर हमला कर दिया. कुछ ही घंटों में कुत्ते ने एक नहीं, बल्कि 13 लोगों को काटकर घायल कर दिया. इन पीड़ितों में महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जिससे गांव का माहौल और अधिक भयभीत हो गया.

जान बचाने की पड़ी नौबत

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हमले के बाद पूरे दमगड़ा गांव में सन्नाटा छा गया. लोग घरों में दुबक गए और बच्चों को बाहर निकालने से परहेज करने लगे. ग्रामीणों का कहना है कि कुत्ता लगातार इधर-उधर भागता रहा और अचानक हमला कर देता, जिससे लोग कुछ समझ ही नहीं पाए.

इस बीच घायलों को आनन-फानन में धनुपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने स्थिति को देखते हुए सभी को बेहतर इलाज के लिए प्रयागराज स्थित सप्रू अस्पताल रेफर कर दिया. कुछ परिजनों ने अपने स्तर पर निजी अस्पतालों में भी घायलों का इलाज करवाया.

13 लोग हुए शिकार

गांव वालों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब क्षेत्र में आवारा कुत्तों ने परेशानी खड़ी की है, लेकिन इस बार हालात बेहद गंभीर हो गए. अचानक एक साथ 13 लोगों पर हमला होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. फिलहाल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव में पहुंच गई हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं.

20-30 हजार लोगों की होती है मौत

इस घटना ने एक बार फिर देशभर में कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 में भारत में 37 लाख से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने का शिकार हुए. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि हर साल भारत में 20 से 30 हजार लोगों की मौत रेबीज की वजह से होती है. सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि दुनिया भर में जितने भी रेबीज के मामले सामने आते हैं, उनमें से लगभग 36 प्रतिशत अकेले भारत से होते हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट? 

दमगड़ा गांव की यह घटना केवल एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे देश में मौजूद एक गंभीर चुनौती की ओर इशारा करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण और रेबीज टीकाकरण की व्यापक व्यवस्था ही इस तरह की घटनाओं को रोक सकती है. 

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