logo-image

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से यूपी के मंत्री का सांसद बनने का सपना रह सकता है अधूरा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उन शासनादेशों पर रोक लगा दी है, जिसके तहत ओबीसी में आने वाली गडेरिया जाति को अनुसूचित वर्ग में शामिल किया गया था.

Updated on: 19 Apr 2019, 04:05 PM

नई दिल्ली:

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उन शासनादेशों पर रोक लगा दी है, जिसके तहत ओबीसी में आने वाली गडेरिया जाति को अनुसूचित वर्ग में शामिल किया गया था. कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी से एससी की सूचि में परिवर्तन का अधिकार सिर्फ संसद को है. राज्य सरकार इसमें किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं कर सकती.

इस आदेश से सबसे बड़ा झटका यूपी सरकार के मंत्री एस पी सिंह बघेल को लग सकता है. उन्होंने धनगढ़ जाति का सर्टिफिकेट लगाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. वहीं एस पी सिंह बघेल लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आगरा से भाजपा के प्रत्याशी भी हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में आगरा आरक्षित सीट है. आगरा सीट पर एसपी सिंह बघेल के साथ-साथ कांग्रेस की प्रीता हरित और बसपा के मनोज कुमार सोनी मैदान में हैं.

हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के वकीलों से पूछा कि राज्य सरकार को क्या यह अधिकार है कि वह जातियों में परिवर्तन कर सके. जौनपुर के राम प्रकाश और आगरा के बलवीर सिंह ने शासनादेश को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की थी. जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने यह रोक लगाई है.