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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जय गुरुदेव के समर्थकों से सरकारी जमीन खाली कराने का दिया आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को मथुरा जिले में उप्र एसआईडीसी की जमीन पर 'बाबा जयगुरुदेव धर्म प्रचार संस्थान द्वारा अवैध रूप से किए गए कब्जे को खाली कराने के निर्देश दिए हैं।'

Updated on: 29 Aug 2017, 06:47 PM

नई दिल्ली:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को मथुरा जिले में उप्र एसआईडीसी की जमीन पर 'बाबा जयगुरुदेव धर्म प्रचार संस्थान द्वारा अवैध रूप से किए गए कब्जे को खाली कराने के निर्देश दिए हैं।'

न्यायालय ने सरकारी जमीन खाली कराने के लिए प्रदेश सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है। साथ ही मुख्य सचिव को कार्ययोजना बनाकर ही जमीन खाली कराने की कार्रवाई करने को कहा है।

न्यायालय ने जमीन खाली कराने की कार्रवाई की रिपोर्ट अगली सुनवाई के दौरान 18 सितंबर को न्यायालय में पेश करने को भी कहा है। यह आदेश न्यायाधीश अरुण टंडन और न्यायाधीश संगीता चंद्रा की पीठ ने मथुरा के सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा, 'मुख्य सचिव मथुरा जिला प्रशासन के जरिए बाबा जयगुरुदेव संस्थान को फौरन नोटिस जारी कर उन्हें जमीन खाली करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दें। यदि सप्ताह भर में जमीन खाली नहीं की जाती है तो भारी सुरक्षा बल के साथ कब्जा की गई जमीन को जबरन खाली कराया जाए।'

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इसके साथ ही न्यायालय ने उप्र एसआईडीसी के क्षेत्रीय निदेशक को भी आदेश दिया है कि मथुरा के औद्योगिक क्षेत्र की रिहायशी कॉलोनी में स्वीकृत पांच पार्क व खाली जमीन पर उद्योगों का आवंटन रद्द कर पार्क को बहाल किया जाए।

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