logo-image

आगरा में अखिलेश यादव को मिला समाजवादी पार्टी का 'ताज', मुलायम नहीं थे मौजूद

मुलायम सिंह यादव और शिवपाल की नाराजगी के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी ने अगले पांच साल के लिए अध्यक्ष चुन लिया है।

Updated on: 05 Oct 2017, 02:27 PM

highlights

  • समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव को अगले पांच साल के लिए अध्यक्ष चुना
  • रामगोपाल यादव ने अखिलेश के अध्यक्ष पद के लिए रखा प्रस्ताव
  • आगरा में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन, मुलायम-शिवपाल नहीं पहुंचे

नई दिल्ली:

मुलायम सिंह यादव और शिवपाल की नाराजगी के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी ने अगले पांच साल के लिए अध्यक्ष चुन लिया है।

आगरा के तारघर मैदान में चल रहा राष्ट्रीय अधिवेशन, अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन के साथ शुरू हुआ। सबसे पहले पार्टी का झंडा फहराया गया। इसके बाद पार्टी के शीर्ष नेता किरनमय नंदा सहित लगभग 25 प्रस्तावकों के समक्ष अखिलेश यादव ने नामांकन भरा।

अधिवेशन में उनके अलावा, एक भी नामांकन नहीं आया। इस पर सभी प्रस्तावकों ने उसका अनुमोदन किया।

डॉ. रामगोपाल ने यह भी घोषणा की है कि वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव और वर्ष 2022 का उप्र विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

घोषणा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फिर से बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने बीजेपी को धोखे और झूठ की राजनीति करने वाली पार्टी करार देते हुए कहा कि अब सपा बीजेपी के सभी झूठों का पर्दाफाश करेगी।

इस मौके पर समाजवादी पार्टी महासचिव आजम खान, रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, धर्मेंद्र यादव, जया बच्चन, डिंपल यादव  सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे।

इस बीच नाराज शिवपाल यादव ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। मुलायम आगरा में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में नहीं पहुंचे।

इससे पहले अखिलेश ने मुलायम सिंह के अधिवेशन में शामिल होने की बात पर बुधवार को कहा था, 'मैं खुद उन्हें निमंत्रण देकर आया हूं, नेता जी को अधिवेशन में बुलाया गया है।'

इस दौरान अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल के प्रति नरम रुख अपनाते हुए कहा, 'मेरी चाचा शिवपाल से बात हुई है, राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए उन्होंने आशीर्वाद दिया है।'

समाजवादी पार्टी (सपा) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले दो गुटों (मुलायम, शिवपाल-अखिलेश, रामगोपाल) में बंट गई थी। अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को बेदखल कर पार्टी की कमान अपने हाथों में ले लिया था।

अखिलेश ने मुलायम को पार्टी संरक्षक की जिम्मेदारी दी थी। वहीं अपने चाचा शिवपालय यादव को पार्टी के सभी पदों से बेदखल कर दिया था।

पिछले दिनों खबर आई थी की मुलायम शिवपाल मिलकर नई पार्टी बनाएंगे। हालांकि मुलायम ने साफ कर दिया था कि वह नई पार्टी का गठन नहीं करेंगे।

और पढ़ें: पिनरई विजयन ने कहा, गोडसे को भगवान मानने वालों से हमें सीखने की जरूरत नहीं

राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य

अखिलेश ने राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में कहा कि देश में जो मौजूदा हालात हैं, पार्टी के वरिष्ठ नेता उन पर विचार करेंगे और एक राजनीतिक प्रस्ताव बनाया जाएगा। सपा इन प्रस्तावों पर काम करेगी।

सम्मेलन में 25 राज्यों के करीब 25,000 पार्टी कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सम्मेलन में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों और रणनीति पर भी विचार होगा।

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अखिलेश यादव अभी से आगामी चुनावों की तैयारी में जुटे हैं।

और पढ़ें: हनीप्रीत को छुपा कर लाया गया था कोर्ट, मीडिया को दिखाई डमी