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सेना के लिए गेमचेंजर साबित होंगी अमेठी में बनीं AK-203 राइफलें

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का संसदीय क्षेत्र अमेठी (Amethi) अब जल्द ही सेना के जवानों के लिए मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत एके-230 असॉल्ट राइफल के लिए जाना जाने लगेगा.

Updated on: 04 Mar 2019, 08:16 AM

नई दिल्‍ली:

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का संसदीय क्षेत्र अमेठी (Amethi) अब जल्द ही सेना के जवानों के लिए मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत एके-47 असॉल्ट राइफल के लिए जाना जाने लगेगा. बता दें कि AK-203 कलाश्निकोव राइफल AK-47 का लेटेस्ट वर्जन है. ये फैक्ट्री रूस की एक कंपनी और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड साथ मिलकर बनाएगी, जिसमें 7.47 लाख कलाश्निकोव राइफल बनाई जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेठी में प्लांट की आधारशिला रखी. कोरवा स्थित फैक्ट्री में निर्मित ये राइफलें खासकर चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात सैनिकों को दी जा सकती हैं, जो कि आने वाले समय गेमचेंजर साबित होंगी.

2018 का मॉडल है AK-203 राइफल

करीब 10 साल पहले जब रूस ने इंडियन आर्मी के लिए AK राइफल के नए वर्जन की पेशकश की थी उस वक्त AK-103 राइफल पर बात हो रही थी. लेकिन तब डील नहीं हो पाई और अब जब डील फाइनल हुई है तो यह AK-203 राइफल पर हुई है. जहां AK-103 राइफल 2001 का मॉडल था वहीं AK-203 राइफल 2018 का लेटेस्ट मॉडल है और यह ज्यादा भरोसेमंद है. इसका होल्ड और इसकी एक्युरेसी भी AK-47 से ज्यादा है.

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इस राइफल में पिकेटिनी रेल (राइफल के ऊपर लगा एक प्लेटफॉर्म, जिसमें नाइट विजन डिवाइस या दूर तक देखने के लिए डिवाइस लगाई जा सकती है) भी है. नई राइफल इंसास राइफल को रिप्लेस करेंगी. INSAS राइफल का केलिबर 5.55 एमएम है और इनका वजन करीब साढ़े चार किलो है. इन राइफल में कई बार मैगजीन क्रेक होने या तेल वापस छोड़ने जैसी दिक्कतें आती हैं, लेकिन नई राइफल इनसे काफी बेहतर होंगी.