8th Pay Commission: क्यों आठवें वेतन आयोग पर हो रहा विवाद, 7वें वेतन आयोग से इसमें क्या अलग?

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 3 नवंबर 2025 को आठवें वेतन आयोग (8th CPC) का नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके बाद से ही पेंशनरों में नाराजगी बढ़ गई है.

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 3 नवंबर 2025 को आठवें वेतन आयोग (8th CPC) का नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके बाद से ही पेंशनरों में नाराजगी बढ़ गई है.

author-image
Dheeraj Sharma
New Update
8th Pay Commission Controversy

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 3 नवंबर 2025 को आठवें वेतन आयोग (8th CPC) का नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके बाद से ही पेंशनरों में नाराजगी बढ़ गई है. आप सोच रहे होंगे आखिर 8वें वेतन आयोग के नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पेंशनर्स क्यों खुश नहीं हैं. दरअसल इन पेंशनर्स को इस बात की परेशानी है कि 8वें वेतन आयोग में सरकार की ओर से लगभग 69 लाख केंद्रीय पेंशनरों और फैमिली पेंशनरों को दायरे से बाहर कर दिया गया है. अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए  ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलॉई फेडरेशन (AIDEF) ने इसे अनुचित बताते हुए वित्त मंत्री को पत्र भी लिखा है. मुख्य विवाद यह है कि 8th CPC में पेंशन पुनरीक्षण को लेकर स्पष्ट प्रावधान क्यों नहीं हैं? इस विवाद को 5 पॉइंट के जरिए समझने की कोशिश करते हैं. 

Advertisment

1. 8th CPC में पेंशन रीअसेसमेंट का साफ नहीं

आठवें वेतन आयोग के नोटिफिकेशन में पेंशन पुनर्मूल्यांकन (Reassessment) का कोई सीधा प्रावधान नहीं दिया गया.  यहां सिर्फ इतना कहा गया है कि आयोग NPS (National Pension System) और UPS (Unified Pension Scheme) से जुड़े मुद्दों पर समीक्षा करेगा. यानी, 7th CPC की तरह पेंशनरों की बेसिक पेंशन रिवीजन का जिक्र साफ नहीं है और यही असंतोष की सबसे बड़ी वजह है.

2. डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी की समीक्षा का अधिकार

8th CPC की टर्म ऑफ रेफरेंस के अनुसार, आयोग को अधिकार दिया गया है कि वह NPS और UPS वाले कर्मचारियों की डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (DCRG) की समीक्षा करें. इसका मतलब है कि ग्रेच्युटी से जुड़े नियमों में बदलाव या बेनिफिट बढ़ाने पर विचार हो सकता है. लेकिन यह पेंशन पुनरीक्षण का सीधा विकल्प नहीं है. 

3. NPS–UPS से बाहर कर्मचारियों की पेंशन भी समीक्षा के दायरे में

8th CPC ने स्पष्ट किया है कि वह उन कर्मचारियों की पेंशन और DCRG दोनों की समीक्षा करेगा जो NPS और UPS के बाहर आते हैं. यह पुराने कर्मचारियों के लिए उम्मीद पैदा करता है, लेकिन फिर भी 'सामान्य पेंशन रिवीजन' का प्रावधान उतना स्पष्ट नहीं है जितना 7th CPC में था.

4. 7th CPC में पेंशन सुधार पर फोकस जबकि 8वें में नहीं 

28 फरवरी 2014 के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग का मैंडेट बिलकुल साफ था. इसमें कहा गया था कि  पेंशन की संरचना, रिटायरमेंट बेनिफिट्स के सिद्धांत और भविष्य की पेंशन प्रणाली पर विस्तृत रिपोर्ट दें.  मतलब 7th CPC में पेंशन सुधार मुख्य फोकस था, जबकि 8th CPC में इसे सीमित रूप से शामिल किया गया है. 

5. पुराने पेंशनरों की पेंशन रिवीजन का साफ प्रावधान 

7th CPC को यह जिम्मेदारी भी दी गई थी कि वह लागू होने की तारीख से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों की पेंशन की समीक्षा करे. यानी 7th CPC पुराने पेंशनरों के पेंशन संशोधन को अनिवार्य जिम्मेदारी के रूप में देखता था.
इसके विपरीत, 8th CPC में ऐसा प्रतिबद्ध और साफ प्रावधान नहीं है.

किस आयोग में ज्यादा लाभ?

7th CPC ने पेंशनरों को सीधा और अनिवार्य लाभ दिया था. जबकि 8th CPC में पेंशन समीक्षा का दायरा अस्पष्ट और सीमित है.  यही वजह है कि 8वें वेतन आयोग के नोटिफिकेशन आने के बाद से ही विवाद बना हुआ है. इस बात को लेकर संशय है कि  क्या पेंशनरों को पहले की तरह पूर्ण लाभ मिलेगा या नहीं.

8th Pay Commission 8th pay commission news 8th Pay Commission Pension
Advertisment