UP: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कई सरकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इन योजनाओं में महिलाओं से लेकर युवाओं और छात्रों को लेकर अलग-अलग स्कीम चलाई जा रही हैं. वहीं किसानों के लिए योगी सरकार ने अहम योजनाएं चलाई हैं जो उन्हें आर्थिक मदद देने के साथ उनके विकास में सहायक बन रही हैं. इसी कड़ी में अब सरकार एक और बड़ी योजना प्रदेश के किसानों के लिए ला रही है. इस योजना से किसानों का बेड़ा पार हो जाएगा. दरअसल इन योजनाओं के जरिए सरकार किसानों को उन्नत कृषि, तकनीक और बाजार से जोड़ने का काम करेगी.
क्या है यूपी एग्रीज योजना
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों के लिए यूपी एग्रीज यानी एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. इसकी लॉन्चिंग खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 28 जनवरी 2025 को करेंगे. इस योजना की शुरुआत इंदरा गांधी प्रतिष्ठान में की जाएगी.
यह भी पढ़ें - 8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग लागू होने पर पेंशनर्स को कितनी मिलेगी पेंशन, जानें कितना होगा इजाफा
इस योजना पर योगी सरकार 4000 करोड़ रुपए खर्च करेगी. इशमें करीब 3 हजार करोड़ रुपए विश्व बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराएगा. इस स्कीम के तहत बुंदेलखंड के झांसी और चित्रकूट और पूर्वांचल के विंध्य, वाराणसी, आजमगढ, गोरखपुर, बस्ती के साथ-साथ देवीपाटन मंडल के 28 जिलों पर होगा जिन जिलों में उत्पादक कम है.
ऐसे मिलेगा किसानों को फायदा
यूपी एग्रीज के तहत किसानों को तीन स्तर पर फायदा मिलेगा. पहला स्तर होगा उत्पादकता का. इसके तहत ऐसे किसानों को चिन्हित किया जाएगा जिनकी खेती की उत्पादकता कम है. जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए खेती की योजना तैयार होगी. इसमें फिशरीज के साथ अन्य दूसरे सेक्टर भी प्रोत्साहित किए जाएंगे.
वहीं दूसरा स्तर होगा बाजार उपलब्ध कराना. एग्रीज में किसानों को अपनी फसलों के उचित दाम के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाएगा. जहां उत्पादकों, कृषि व्यवसायियों और सरकारी संस्थानों को एक मंच पर लाया जाएगा. यहां छोटे किसानों को बाजार से जोड़ा जाएगा.
इसके बाद तीसरा और अंतिम स्तर होगा व्यापार. खेती को पूरी तरह फायदा का सौदा बनाने के मकसद से यूपी एग्रीज के तहत किसानों को व्यापार भी दिलाया जाएगा. विभिन्न क्रॉप क्लस्टर यानी समूह तैयार होंगे और यहां व्यवसायिक खेती को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही सरकार किसानों को वित्तीय सहायता और ट्रेनिंग देने का भी काम करेगी. इसमें मौसम की जानकारी से लेकर फसलों की गुणवत्ता, डिजिटल सर्वे और फसल-बीज टेस्टिंग प्रमुख रूप से शामिल होंगे.
यह भी पढ़ें - लो भई अब दिल्ली में सिर्फ 8 लाख रुपए में खरीद लो घर, जानें जगह से लेकर सबकुछ