नए साल की शुरुआत में ही किसानों के लिए बुरी खबर सामने आई है. खबर यह है कि अब किसानों से मोटा जुर्माना वसूला जाएगा. इस खबर से किसानों में खलबली का माहौल है. दरअसल, खबर यह है कि हर साल सर्दी की शुरुआत होते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण खरतनाक लेवल पर पहुंच जाता है. दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर के आबोहवां में धुआं और स्मॉग साफ नजर आने लगता है. यहां तक कि पूरा दिल्ली-एनसीआर स्मॉग की सफेद चादर में लिपट जाता है, जिसकी वजह से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई लोगों को आखों में जलन और सांस लेने में परेशानी तक आती है.
सरकार ने दोगुना किया जुर्माना
मौजूदा समय में भी दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 400 के पार जा चुका है, जिसकी वजह से कई इलाके सांस लेने लायक भी नहीं बचे हैं. वायु प्रदूषण की इस गंभीर समस्या के पीछे हरियाणा, पंजाब और वेस्ट यूपी में जलाई जा रही पराली को मुख्य कारण माना जाता है, जिसके धुएं की वजह से दिल्ली की एयर क्वालिटी में भारी गिरावट महसूस की जाती है. लेकिन सरकार ने वायु प्रदूषण की इस समस्या और पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए जुर्माने की राशि को बढ़ा दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दो एकड़ वाले किसान के लिए पराली जलाने पर 5,000 रुपए, दो से पांच एकड़ वाले किसान के लिए पराली जलाने पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ वाले किसान के लिए पराली जलाने पर 30,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट से लगाई फटकार
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने सर्वोच्च न्यायालय ने एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने में असफल होने पर राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को पराली जलाने के मामलों पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए थे. कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने जुर्माना राशि बढ़ाने के फैसला किया है. सरकार ने यह कदम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021 के तहत उठाया है.