Big News: मकान मालिकों की आई मौज, किराएदारों को लेकर कोर्ट ने सुना दिया बड़ा फैसला

मकान मालिकों के लिए दिवाली से पहले एक अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद किराएदारों के माथे पर जरूर चिंता आ सकती है.

मकान मालिकों के लिए दिवाली से पहले एक अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद किराएदारों के माथे पर जरूर चिंता आ सकती है.

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Dheeraj Sharma
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देशभर में कई लोग अपने काम काज की वजह से घरों से यहां तक कि प्रदेशों से भी बाहर रहते हैं. ऐसे में उन्हें किराए के मकान में रहना पड़ता है. लेकिन मकान मालिक और किराएदारों के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है. आमतौर पर दोनों के बीच विवाद थाने तक भी पहुंच जाता है और वहां से अदालत तक. इस बीच कोर्ट ने किराएदारों को लेकर एक अहम फैसला सुना दिया है. खास बात यह है कि इस फैसले से मकानमालिकों में खुशी का माहौल है. 

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क्यों खुशी से झूम उठे मकान मालिक


आमतौर अपना मकान किराए पर देने के बाद मकान मालिक की चिंताएं बढ़ जाती हैं. अगर अच्छा किराएदार मिल जाए तब तो ठीक है लेकिन  नहीं मिले तो परेशानी और बढ़ जाती है. रोज-रोज की झिकझिक और इसके बाद भी मकान खाली कराने का झंझट ऐसे में मकान मालिक काफी सोच समझकर किराएदार रखते हैं. 

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सवाल नहीं उठा पाएगा किराएदार


इस बीच कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वह मकान मालिकों के लिए वरदान की तरह साबित हो सकता है. दरअसल कोर्ट ने कहा है कि संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति को खाली कराने के लिए किराएदार को कोई भी वजह दे सकता है. उसकी किसी भी वजह के मुताबिक किराएदार को मकान खाली करना होगा. किराएदार इस पर सवाल नहीं उठा सकता. 

क्या है पूरा मामला


 ये मामाला पंजाब का है, जहां कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. इसमें मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है कि संपत्ति मालिक की जो जरूरत होगी वह उसी के आधार पर कारण बताकर किराएदार से अपनी प्रॉपर्टी को खाली करने के लिए कह सकता है.

कोर्ट ने यह भी कहा कि किराएदार मकान मालिक की ओर से दी गई वजह पर सवाल नहीं कर सकता. उसे एक निश्चित वक्त में प्रॉपर्टी को खाली करना होगा. ये मामला लुधियाना के दो लोगों का है जो किराए की दुकान चलाते थे.

उनका कहना था कि मकान मालिक एक वृद्धा है और संपन्न परिवार से हैं. जबकि उनकी रोजी रोटी के लिए उन्हें इस किराए की दुकान पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में कोर्ट ने उनके कारण को नाकाफी बताया और कहा कि भले ही संपत्ति मालिक वृद्ध है और संपन्न है लेकिन अगर उसे अपनी संपत्ति खाली चाहिए तो किराएदार को करना होगी. 

ये तर्क भी नहीं आएगा काम


किराएदार के लिए ऐसा कोई तर्क काम नहीं आएगा जिसकी वजह से उसे संपत्ति खाली नहीं करना पड़े. अगर मकान मालिक चाहता है कि उसे अपने परिसर की जरूरत है तो किराएदार को इसे खाली करना होगा. कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आते हैं जब किराएदार लंबे वक्त तक संपत्ति मालिक की संपत्ति खाली नहीं करते हैं. 

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