Republic Day 2025: कर्तव्य पथ पर दिखेगा 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' का अद्भुत प्रदर्शन

Republic Day 2025: रक्षा मंत्रालय ने झांकियों की गुणवत्ता और चयन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए इस वर्ष की शुरुआत से ही एक परामर्श प्रक्रिया अपनाई थी. अप्रैल 2024 में एक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी

Republic Day 2025: रक्षा मंत्रालय ने झांकियों की गुणवत्ता और चयन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए इस वर्ष की शुरुआत से ही एक परामर्श प्रक्रिया अपनाई थी. अप्रैल 2024 में एक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी

Madhurendra Kumar & Mohit Sharma
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Republic Day 2025

Republic Day 2025 Photograph: (Republic Day 2025)

गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर कर्तव्य पथ पर झांकियों का भव्य प्रदर्शन होगा, जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विकास की यात्रा को प्रदर्शित किया जाएगा. इस बार झांकियों का थीम 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' रखा गया है, जिसे दर्शाने के लिए देशभर से राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों ने अपने विशेष प्रयास किए हैं.

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रक्षा मंत्रालय ने झांकियों की गुणवत्ता और चयन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए इस वर्ष की शुरुआत से ही एक परामर्श प्रक्रिया अपनाई थी. अप्रैल 2024 में एक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें झांकियों की गुणवत्ता और प्रस्तुति को सुधारने के सुझाव प्राप्त किए गए. इस प्रक्रिया में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विचारों को शामिल करते हुए थीम को अंतिम रूप दिया गया.

गणतंत्र दिवस पर राज्यों और मंत्रालयों की झलक

कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन किया गया है, जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन-दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. इसके अलावा, 11 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की झांकियां भी इस अवसर पर प्रदर्शित की जाएंगी.

चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता

झांकियों के चयन के लिए एक स्थापित प्रणाली का पालन किया जाता है, जिसके तहत रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों से प्रस्ताव आमंत्रित करता है. इन प्रस्तावों का मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाता है, जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला और नृत्य जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं.

इस प्रक्रिया में रचनात्मकता, संदेश की स्पष्टता, विषय की नवीनता और विरासत और विकास के बीच संतुलन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है. झांकियों का चयन उनकी अनूठी अवधारणा, रचनात्मक अभिव्यक्ति और सौंदर्यपूर्ण अनुभव के आधार पर किया जाता है.

भारत पर्व में भी झांकियों का प्रदर्शन

जो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कर्तव्य पथ पर अपनी झांकियां नहीं दिखा पाएंगे, उन्हें 26 से 31 जनवरी 2025 तक लाल किले पर आयोजित 'भारत पर्व' में अपनी झांकियों का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा.

झांकियों के इस प्रदर्शन का उद्देश्य भारत की विविधता और विकास को विश्व के सामने प्रस्तुत करना है. इस गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ भारत की सांस्कृतिक विरासत और विकास की ओर बढ़ते हुए उसके स्वर्णिम भविष्य का प्रतीक बनेगा.

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