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Ration Card News: आप भी राशन कार्ड धारक हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत काम की हो सकती है. दरअसल केंद्र सरकार जल्द ही देशभर से एक करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड धारकों के नाम हटा सकती है. राशन कार्ड योजना में पारदर्शिता और वास्तविक लाभार्थियों तक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से ये बड़ी कार्रवाई की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने उन लाभार्थियों की एक सूची तैयार की है, जो सरकारी नियमों के तहत मुफ्त राशन के पात्र नहीं माने जाते. इस सूची में करीब 1.17 करोड़ राशन कार्ड धारक शामिल हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मिलने वाले लाभ के हकदार नहीं हैं.
अपात्रों की पहचान किन आधारों पर हुई?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सूची को बनाने के लिए सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के डेटा का आपसी मिलान किया है. इसके बाद ही इन नामों की एक सूची तैयार की गई है. इसके तहत...
- 94.71 लाख लाभार्थी आयकरदाता पाए गए.
- 17.51 लाख के पास चार पहिया वाहन हैं.
- 5.31 लाख लोग कंपनियों में निदेशक के तौर पर पंजीकृत हैं.
इन आंकड़ों की तुलना राशन कार्ड धारकों के डाटाबेस से की गई और जिनके पास यह सुविधाएं मौजूद हैं, उन्हें मुफ्त राशन योजना के लिए अपात्र माना गया है. यह प्रक्रिया एक API आधारित ‘राइटफुल टारगेटिंग डैशबोर्ड’ के ज़रिए संचालित की जा रही है.
राज्यों को सत्यापन के निर्देश
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को पत्र लिखकर 30 सितंबर 2025 तक सभी अपात्र लाभार्थियों का सत्यापन कर उन्हें हटाने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है. इससे प्रतीक्षा सूची में शामिल जरूरतमंद लोग योजना का लाभ उठा सकेंगे.
राज्य सरकारों को ‘राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम (RCMS)’ के जरिए डुप्लिकेट, मृत और निष्क्रिय कार्ड धारकों की पहले ही पहचान करने को कहा गया था. अब अन्य मंत्रालयों के डेटा से मिली जानकारी को जोड़कर और अधिक सटीक कार्रवाई की जा रही है.
2021-2023 में भी हुई थी छंटनी
यह कोई पहली बार नहीं है जब सरकार ने राशन कार्ड योजना की समीक्षा की हो. 2021 से 2023 के बीच 1.34 करोड़ फर्जी या अपात्र राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं. NFSA के अंतर्गत 81.35 करोड़ लोगों को कवर करने की सीमा तय की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में 75 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत आबादी इस योजना के अंतर्गत आती है.
जरूरतमंदों तक पहुंचेगा लाभ
सरकार की यह पहल स्पष्ट रूप से इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है कि वास्तव में जरूरतमंद और पात्र लोगों तक राशन योजना का लाभ पहुंचे. जो लोग सरकारी मानकों के बाहर आते हैं, उनके लिए योजना का दुरुपयोग रोकना न्याय और संसाधनों की बचत दोनों दृष्टिकोणों से जरूरी है. इससे लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) की पारदर्शिता और प्रभावशीलता में भी सुधार आएगा.
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