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Representational Image Photograph: (Social)
Rajasthan Goverdhan Organic Fertilizer Scheme: राजस्थान सरकार अब जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता देने जा रही है. इसके तहत राज्य सरकार ने ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य गौवंश से जैविक खाद तैयार कर किसानों को स्वावलंबी बनाना और मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना है.
कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना के अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट इकाई लगाने वाले किसानों को यूनिट लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. इससे किसानों को अपने खेतों में रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
इन शर्तों पर मिलेगी पात्रता
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए कुछ पात्रता शर्तें भी तय की गई हैं:
- किसान के पास कम से कम 3 गौवंश होने चाहिए.
- उसके पास कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व होना अनिवार्य है.
- नामांतरण न होने पर नोशनल शेयरधारक प्रमाण पत्र मान्य होगा.
- मंदिर भूमि के संरक्षक पुजारी भी आवेदन कर सकेंगे.
ऐसे करें आवेदन
किसान ई-मित्र केंद्र या राजकिसान साथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के लिए जन आधार नंबर या SSO ID जरूरी होगी. साथ ही जमाबंदी की प्रति, जो 6 माह से अधिक पुरानी न हो, अपलोड करनी होगी. आवेदन के बाद किसानों को SMS के जरिए जानकारी मिलेगी.
यदि आवेदन में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो किसानों को SMS भेजकर 15 दिन में सुधार करने का मौका दिया जाएगा. इकाई की स्थापना के बाद जिलाधिकारी या उनके प्रतिनिधि द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा.
कैसे मिलेगा अनुदान?
- आवेदन की ऑनलाइन स्क्रूटनी 7 दिन में की जाएगी.
- पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पात्र किसानों का चयन होगा.
- 10 दिन में प्री-वेरिफिकेशन के बाद प्रशासनिक मंजूरी जारी की जाएगी.
- यदि 45 दिन में कार्य पूरा नहीं होता है, तो मंजूरी रद्द मानी जाएगी.
- इकाई के फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद जिला परिषद सीधे खाते में राशि जमा करेगी.
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जैविक खाद का उपयोग बढ़ाकर भूमि की गुणवत्ता को सुधारा जाए और किसानों को टिकाऊ खेती के लिए प्रेरित किया जाए.