Railway New Rule: इंडियन रेलवे ने अब एक नया फैसला किया है. इंडियन रेलवे ने फैसला किया है कि ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए वेंडरों और दुकानों को स्टेंडर्डाइज्ड आईकार्ड दिया जाएगा. इससे अवैध वेंडिंग पर अंकुश लगाया जाएगा. इस आईकार्ड पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही वेंडर की पूरी जानकारी मिलेगी. बिना आईकार्ड के कोई भी वेंडर ट्रेन या स्टेशन पर खाने की सामाग्री नहीं बेच पाएगा.
Railway New Rule: आईडी कार्ड स्कैन करते ही मिल जाएगी इतनी सारी जानकारी
इस नई व्यवस्था की मदद से खाद्य सामाग्री की गुणवत्ता को लेकर जिम्मेदारी सीधे तय हो पाएगी. वेंडर या दुकानदारों के लिए वर्तमान में रेलवे कोई भी आईकार्ड जारी नहीं करता है. पहचान पत्र पर लगे क्यूआर कोड को अगर करेंगे तो हमें वेंडर का नाम, आधार नंबर, हेल्थ सर्टिफिकेट, पुलिस वेरिफिकेशन की डेट. तैनाती ईकाई और लाइंसेसधारक का नाम पता चल जाएगा.
Railway New Rule: रेलवे ने दिए ये आदेश
रेलवे के कार्यकारी निदेशक विक्रम सिंह ने 17 जुलाई को सभी जोनल महाप्रबंधकों को निर्देश दिया है कि वे अपने अंडर में आने वाले रेलवे और आईआरसीटीसी के अधिकृत विक्रेताओं, सहायकों, वेंडरों और उनके कर्मियों के लिए स्टेंडर्डाइज्ड आईकार्ड जारी करें.
Railway New Rule: इन लोगों के हस्ताक्षर से जारी होगा आईकार्ड
बता दें, स्टेंडर्डाइज्ड आईकार्ड स्टेशन मैनेजर, स्टेशन सुपरीटेंडेंट या फिर आईआरसीटीसी के प्राधिकारियों या फिर उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी होंगे. सभी विक्रेताओं, लाइसेंसधारक कर्मचारियों और सहायकों का रिकार्ड तैनाती वाले स्टेशन के निर्धारित रजिस्टर में दर्ज होगा.
Railway New Rule: अवैध वेंडिंग की शिकायतों में इजाफा
विक्रम सिंह ने अवैध वेंडरों का जिक्र करते हुए क्षेत्रीय रेलवे और आईआरसीटीसी को निर्देश दिया है कि इस आदेश के अनुपालन को सुनिश्चित करें. पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे में अवैध वेंडिंग की शिकायतों में इजाफा हो रहा है. चूंकि वेंडरों की पहचान सुनिश्चित नहीं है, जिस वजह से अवैध वेंडर भी धड़ल्ले से खानपान की सामाग्री बेच रहे हैं. कहा जाता है कि एक नॉर्मल स्टेशन पर 100 से 150 अधिकृत वेंडर होते हैं लेकिन स्टेशन और ट्रेनों में 400 से 500 वेंडर खानपान का सामान बेचते रहते हैं.