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Bulldozer action
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अवैध निर्माण को सरकार ध्वस्त कर देती है. जिनका अवैध निर्माण होता है, सरकार पहले उन्हें जगह खाली करने के लिए नोटिस देती है. नोटिस में एक अवधि होती है. अगर उस अवधि में जगह खाली नहीं की तो सरकार एक्शन लेती है. आजकल सरकार जहां अवैध निर्माण को जमींदोज करने पहुंचती है तो वहां हंगामा हो जाता है. वहां रह रहे लोग उस जगह को लेकर अलग-अलग दावे करने लग जाते हैं.
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हालांकि, सरकार की नजर में यह जगह अवैध ही होती है. एमपी-यूपी में अवैध निर्माणों पर खूब बुलडोजर चलाए जाते हैं. हालांकि, अब यह सिस्टम दिल्ली में दिखाई देने वाला है. दिल्ली के कुछ इलाकों में करीब 400 से लेकर 500 अवैध निर्माणों को गिराने की प्लानिंग है. कहीं इस जद में आपका एरिया भी तो नहीं है. जानने के लिए इस खबर को पढ़ें…
दिल्ली के कई जगहों में सालों से झुग्गियां बनी हुई हैं. बारापूल ब्रिज भी उन्हीं जगहों में से एक है. यहां करीब 400 साल पुरानी झुग्गियां हैं. इसमें 200 झुग्गियां हैं. मानसून में यहां खूब जलभराव होता है. बारापूला ब्रिज के पास बासी मद्रासी बस्ती को खाली कराने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने नोटिस दे दिया है. इनमें 400-500 परिवार रहते हैं. सब को डर है कि कहीं सरकार उनके घर को मिट्टी में न मिला दे. इसलिए लोग नोटिस का विरोध कर रहे हैं. नए फ्लाईओवर के निर्माण के लिए सरकार इन झुग्गियों को गिरा रही है. हालांकि, लोगों के लिए राहत भरी खबर है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अभी कार्रवाई पर स्टे लगा दिया है.
दिल्ली के इस इलाको में कई सैकड़ा परिवार पिछले 30-40 साल से रह रहे हैं. कई लोगों के पास मतदाता पहचान पत्र भी है. लोगों का कहना है कि जब तक सरकार उन्हें जगह नहीं देती तब तक वे जगह खाली नहीं करेंगे. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि लोगों के लिए उचित व्यवस्था करने के बाद ही हम बुलडोजर की कार्रवाई करेंगे. बता दें, यहां रहने वाले अधिकतर लोग तमिलनाडु के रहने वाले हैं. वे बरसों से यहां रह रहे हैं.