Property Rule: आप भी किराए पर ले रहे हैं फ्लैट और बिल्डर कर रहा सिक्योरिटी की मांग, यहां कर सकते हैं शिकायत

कमाई औऱ पढ़ाई के लिए देशभर में लोग अपने घरों से निकलकर दूसरे शहरों में जाते हैं. ऐसे में किराए पर फ्लैट लेते वक्त अगर बिल्डर मनमानी सिक्योरिटी मांगता है तो घबराएं नहीं बल्कि इसकी शिकायत करें.

कमाई औऱ पढ़ाई के लिए देशभर में लोग अपने घरों से निकलकर दूसरे शहरों में जाते हैं. ऐसे में किराए पर फ्लैट लेते वक्त अगर बिल्डर मनमानी सिक्योरिटी मांगता है तो घबराएं नहीं बल्कि इसकी शिकायत करें.

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Dheeraj Sharma
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Know Your Right For Rental Property

Property Rule: मौजूदा समय में महानगरों और बड़े शहरों में किराए पर फ्लैट लेना एक आम जरूरत बन गई है, लेकिन अक्सर किरायेदारों को बिल्डरों या मकान मालिकों की ओर से अनुचित सिक्योरिटी मनी (Security Money) या डिपॉजिट की मांग का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बाहर से आए लोगों को किराए की प्रॉपर्टी लेने में काफी मुश्किलें होती हैं.  कई बार यह रकम दो से तीन महीने के किराए से भी ज्यादा होती है, जो मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए भारी पड़ सकती है. अगर आप भी ऐसी स्थिति में फंसे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि अपने अधिकारों को समझकर उचित कार्रवाई करें.

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सिक्योरिटी मनी के नियम क्या कहते हैं?

भारत में किरायेदारी को लेकर स्पष्ट नियम और कानून मौजूद हैं, लेकिन अधिकतर लोग उनसे अनजान होते हैं. किराए पर संपत्ति देते समय मालिक और किरायेदार के बीच रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) होना अनिवार्य है, जिसमें सिक्योरिटी मनी का उल्लेख भी होना चाहिए. अधिकतर राज्यों में यह रकम 1 से 2 महीने के किराए तक सीमित होती है. अगर कोई बिल्डर या मकान मालिक इससे कहीं ज्यादा की मांग करता है, तो यह अवैध दबाव माना जा सकता है.

जबरन वसूली या धमकी पर क्या करें?

अगर कोई बिल्डर सिक्योरिटी मनी के नाम पर अनुचित दबाव बना रहा है, डराने या धमकाने की कोशिश कर रहा है, तो आप तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा, कई राज्यों ने किरायेदारों के लिए हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल भी शुरू किए हैं, जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

उपभोक्ता अदालत का सहारा लें

अगर बिल्डर या मकान मालिक डिपॉजिट वापस नहीं कर रहा है या अनुचित पैसा मांग रहा है, तो आप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत Consumer Court में शिकायत कर सकते हैं. यह प्रक्रिया ज्यादा खर्चीली नहीं होती और मामलों का निपटारा भी अपेक्षाकृत जल्दी होता है। अपने साथ किरायेदारी का एग्रीमेंट, रसीदें और संबंधित संचार (जैसे व्हाट्सएप, ईमेल) अवश्य रखें, ताकि अदालत में आपके पास पुख्ता सबूत हों.

RERA में शिकायत कैसे करें?

अगर आप जिस प्रोजेक्ट में रह रहे हैं वह किसी RERA (Real Estate Regulatory Authority) में रजिस्टर्ड है, तो आप RERA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं. रेरा का उद्देश्य ही रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाना और ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करना है. शिकायत दर्ज करने के लिए आपको प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर, बिल्डर का नाम और संबंधित दस्तावेज अपलोड करने होते हैं.

यह भी पढ़ें - Rule Changes from May: 1 मई से बदल रहे हैं ये 5 नियम, आप पर क्या होगा असर

स्पेशल रेंटल फोरम का भी ले सकते हैं लाभ 

कुछ महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु आदि में किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए Special Rental Forums बनाए गए हैं. ये फोरम विवादों का समाधान त्वरित और न्यायसंगत तरीके से करते हैं. आप अपने नजदीकी फोरम से संपर्क कर सकते हैं और वहां अपना मामला पेश कर सकते हैं.

बता दें कि किराए पर फ्लैट लेते समय अगर कोई बिल्डर या मकान मालिक आपसे अनुचित सिक्योरिटी मनी मांग रहा है, तो चुप बैठने की जरूरत नहीं है. अपने अधिकारों को समझें और कानूनी उपाय अपनाएं. रेंट एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें, हर भुगतान की रसीद रखें और जरूरत पड़ने पर संबंधित संस्थाओं से संपर्क करें. याद रखें, कानून आपके साथ है – बस आपको उसका सही इस्तेमाल करना आना चाहिए.

दिल्ली रेरा (RERA) हेल्पलाइन

दिल्ली रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) से संपर्क करने के लिए निम्नलिखित विवरण का उपयोग करें:​

- फोन नंबर: 011-23341404 (सामान्य संपर्क)

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