Property News: संपत्ति को लेकर अकसर परिवारों में विवाद देखने को मिलते हैं. कई बार भाई-भाई के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद हो जाता है तो कभी-कभी भाई-बहन में भी खींचतान या फिर तनाव की स्थिति देखने को मिलती है. अदालतों में भी इनको लेकर आए दिन कई केस सामने आते हैं. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. इसमें अदालत ने एक फैसला लेते हुए बेटी को पिता की संपत्ति में अधिकार से इनकार कर दिया है.
बेटी का पिता की संपत्ति पर कितना अधिकार
पिता की संपत्ति के बंटवारे की बात आती है तो लोगों के जहन में बेटे का ही नाम आता है. लेकिन आपको बता दें कि बेटे के साथ-साथ बेटियों को भी फादर की प्रॉपर्टी में हक होता है. हालांकि इसको लेकर भी कुछ अहम क्लॉज हैं. उन्हीं के तहत बेटियां पिता की संपत्ति पर अधिकार जता सकती हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बेटियों के पास पिता की संपत्ति को लेकर क्या कानूनी अधिकार हैं? बता दें कि इसको लेकर हाल में हाई कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले में अदालत ने साफ कर दिया है कि बेटी का पिता की संपत्ति में कितना अधिकार हो सकता है और कितना नहीं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल जम्मू-कश्मीर की एक अदालत में पिता की प्रॉपर्टी पर अधिकार जताते हुए एक बेटी ने याचिका दाखिल की थी. ये मामला 44 साल पुराना था और मुस्लिम समुदाय से भी जुड़ा था. मुस्लिम समुदाय इस्लामिक नियमों के मुताबिक चलता है. ऐसे में कहा जा ता है कि बेटी संपत्ति में हक देने की परंपरा जा चुकी है. बेटियों को पिता की संपत्ति में अधिकार से भी वंचित कर दिया गया.
इसके बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया औऱ उसे साफ तौर पर कहा कि कुरान में पिता की प्रॉपर्टी में पहले महिला और उसके बाद पुरुष को उत्तराधिकारी माना गया है. कोर्ट की इस अहम टिप्पणी के बाद पिता की संपत्ति में बेटी के अधिकार या फिर हक को नकारा नहीं जा सकता. बता दें कि इस मामले में फैसला आने में करीब 4 दशक का वक्त लग गया. 44 वर्ष पहले मुनव्वर नामक शख्स की बेटी ने पिता की संपत्ति में अपना हक मांगा था. जिसे कोर्ट ने जायज माना और उसे उसका अधिकार दिया गया.
किस स्थिति में बेटी ले सकती है पिता की संपत्ति में हक
बता दें कि हिंदू अधिनियम के तहत पिता की संपत्ति में बेटियों का हक तभी है जब वह पैतृक संपत्ति हो. अगर पिता ने अपनी कमाई से कोई संपत्ति खड़ी की है तो उस पर बेटी हक नहीं जता सकती है.