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pmfb yojna Photograph: (social media)
प्राकृतिक आपदाओं की वजह से किसानों की फसलों के क्षतिग्रस्त होने पर किसानों को आर्थिक नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई थी. इसके तहत प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान पहुंचने पर किसान मुआवजा पाने के हकदार होते हैं. यहां तक कि फसल की कटाई के बाद भी यदि फसल को किसी तरह का नुकसान पहुंचता है, तो भी किसान उसका बीमा क्लेम हासिल कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें फसल को नुकसान पहुंचने की सूचना संबंधित विभाग को समय पर देनी होगी. ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी ऐसी सूचना दी जा सकती है.
फसल के नुकसान की सूचना 72 घंटे में देना अनिवार्य
असमय वर्षा, ओला गिरने या चक्रवात की स्थिति में फसलों को यदि कटाई के 14 दिनों के भीतर नुकसान होता है, तो किसान को मुआवजा दिया जाता है. ऐसा प्रावधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किया गया है. इस योजना के लिए रजिस्टर्ड किसान को फसल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना 72 घंटे में कृषि रक्षक पोर्टल पर दर्ज करानी होती है. किसान इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 14447 पर फोन करके भी दे सकते हैं. इसके अतिरिक्त फसल को नुकसान होने की सूचना पटवारी, बीमा प्रतिनिधि, कृषि विभाग या तहसील कार्यालय में भी दी जा सकती है.
सर्वे में पुष्टि होने पर मिलता है क्लेम
फसल को नुकसान पहुंचने की सूचना मिलने पर बीमा कंपनी, कृषि विभाग की मदद से सर्वे करती है. यदि नुकसान होने की बात की पुष्टि हो जाती है, तो बीमा क्लेम की राशि किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है.
बहुत कम प्रीमियम दर पर फसलों का बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भारत सरकार ने 2016 में शुरू किया था. इसका उद्देश्य उन किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाना था, जिनकी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान पहुंचता है.इस योजना में बेहद कम प्रीमियम दर (खरीफ की फसल का 2 प्रतिशत और रबी की फसल का 1.5 प्रतिशत) पर किसानों की फसलों का बीमा कर दिया जाता है.