PM Kisan Samman Nidhi Yojana: केंद्र की मोदी सरकार ने वर्तमान में ऐसी कई योजनाएं शुरू की हुई हैं, जिनका देश के हर वर्ग को लाभ मिल रहा है. फिर चाहे वो महिलाएं हो, बुजुर्ग हों, युवा हों या फिर बेरोजगार या किसान. लेकिन पिछले कुछ समय से सरकार का मुख्य फोकस किसानों पर है. सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं लेकर आई है, जिनमें से प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. क्योंकि सरकार अब तक इस योजना की 18 किस्त लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर कर चुका है, इसलिए अब किसानों को 19वीं किस्त का बेसब्री के साथ इंतजार है. इस बीच पीएम किसान योजना के लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि जिन लाभार्थी किसानों के बैं खाथे में योजना की 17वीं व 18वीं का पैसा नहीं आया है, उनको तीनों किस्तों का पैसा एक साथ मिल सकता है. यानी उनके खाते में 2,000 रुपए की बजाए 6,000 रुपए मिल सकते हैं. यहां खास बात यह है कि इसका लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनको ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन जैसी जरूरी प्रक्रियाएं निपटा ली हैं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
दरअसल, अब तक सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojna) की 18 किस्तों का पैसा किसानों के खाते में ट्रांसफर कर चुकी है. पीएम मोदी ने अंतिम बर सितंबर में करीब 9.4 करोड़ किसानों के बैंक खातों में योजना की 18वीं किस्त ट्रांसफर की थी. लेकिन देश के लाखों किसान योजना की 18वीं किस्त से वंचित रह गए थे. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि इन किसानों से समय रहते ई-केवाईसी जैसी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी नहीं की थी. क्योंकि योजना की 19वीं किस्त से पहले ये किसान जरूरी डॉक्यूमे्ट्स सबिमट करने के साथ आवश्यक प्रक्रियाएं भी पूरी कर चुके हैं तो माना जा रहा है कि इस बार उनके खाते में पिछली किस्तों का पैसा भी ट्रांसफर हो सकता है. इस तरह से लाभार्थी किसानों के खाते में 17वीं, 18वीं और 19वीं किस्त का पैसा एक साथ जमा हो सकता है.
सालाना 6,000 रुपए ट्रांसफर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों के खाते में सालाना 6,000 रुपए ट्रांसफर करती है, जो चार-चार महीनों के अंतराल में 2,000 रुपए की किस्त के रूप में दिया जाता है. लेकिन इसको लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ अपात्र किसान भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. यही वजह है कि सरकार ने किसानों के लिए ई-केवाईसी कराने जैसे प्रक्रियाओं को अनिवार्य कर दिया है.