PM Kisan Yojana: भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां की 70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों पर ही निर्भर है. कृषि कार्यों की वजह से अधिकांश आबादी गावों में निवास करती है. क्योंकि खेती किसानी लोग आबादी का एक बड़ा प्रतिशत है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों का फोकस भी किसानों पर ज्यादा रहता है. यही वजह कि सरकार ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई हुई हैं. इनमें प्रधानमंत्री किसान योजना का नाम सबसे ऊपर आता है. इस योजना के तहत सरकार किसानों के बैंक खातों में सालाना 6,000 रुपए ट्रांसफर करती है. यह राशि किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपए की तीन किस्तों में (हर चार महीनों में) में डाली जाती है.
जानें क्या है पूरा मामला
लेकिन पिछले दिनों सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कई अपात्र किसान भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. इसके चलते सरकार अब इन अपात्र किसानों से योजना के पैसे की वसूली कर रही है. दरअसल, शिकायतों के आधार पर सरकार ने जब जांच की तो सत्यापन में पाया गया कि कुछ अपात्र किसान पीएम किसान योजना का लाभ उठा रहे थे. इन अपात्र किसानों में से ज्यादातर लोग सरकारी कर्मचारी, पेंशनधारी, बड़े जमींदार, महंगे वाहन रखने वाले या फिर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले थे. क्योंकि ये किसान योजना के नियमों के अनुसार कोई भी लाभ नहीं उठा सकते, इसलिए सरकार अब इन किसानों से वापसी रिकवरी में जुटी है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो 2020-21 के बीच हुए एक इंटर्नल ऑडिट में पाया गया कि 35 से 40 प्रतिशत लाभार्थी किसान अपात्र थे. सरकार ने अब इन सब किसानों से पैसा वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है.
सरकार ने शुरू की किसानों से वसूली
नई जानकारी के तहत ऑडिट में जिन किसानों को अयोग्य पाया गया है, उनको अब पैसा वापस करना होगा. केंद्र और राज्य सरकारों ने अपाकत्र किसानों से पैसा वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार ने इन किसानों को खुद पैसा वापस करने का ऑप्शन भी दिया है. ऐसे किसान पीएम किसान पोर्टल पर जाकर खुद भी ऑनलाइन पैसा वापस कर सकते हैं.