PM Kisan Yojana: केंद्र की मोदी सरकार का पूरा फोकस इस समय देश के अन्नदाता पर है. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक योजना ला रही है. इस क्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का नाम सबसे ऊपर आता है. केंद्र सरकार ने यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की थी. केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पात्र किसानों के हर साल 6,000 रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है, जिसको किसानों के खाते में डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत भेजा जाता है. किसानों के बैंक खातों में 6,000 रुपए की यह रकम दो-दो हजार की तीन किस्तों में ट्रांसफर की जाती है. अब तक देश के 9 करोड़ लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं.
किसानों को बड़ा झटका
वहीं, पीएम किसान योजना की नई लाभार्थी सूची ने कई किसानों को बड़ा झटका दिया है. सरकार ने नई लिस्ट से कई किसानों के नामों को हटा दिया है. इस लिस्ट में केवल उन्हीं किसानों के नामों को शामिल किया गया है, जो योजना के पात्रता मापदंडो पर खरा उतरते हैं. लेकिन लिस्ट से नाम बाहर होने पर किसानों में निराशा का माहौल है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नई लिस्ट से हटाए किसानों के नामों के पीछ कई ठोस वजह सामने आई हैं, जिनमें मुख्यतः ऐसे किसान हैं जो पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करते.
1- डॉक्यूमेंट्स में गड़बड़ी
पीएम किसान योजना में आवेदन के समय जमा किए गए डॉक्यूमेंट्स में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिसमें फर्जी जानकारी, अपूर्ण डॉक्यूमेंट्स और गलत नामांकन जैसी समस्याएं देखी गई हैं.
2- ई-केवाईसी न कराना
केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना को लेकर ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में जिन किसानों ने अपने अकाउंट को ई-केवाईसी नहीं कराया है, उनका नाम भी लिस्ट से हटा दिया गया है.
3- खाते और योजना का संबंद्ध न होना
पीएम किसान योजना के किसानों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उका बैंक खाता योजना से सही तरह से लिंक किया जाना चाहिए.