PM Kisan Yojana: भारत सरकार की ओर से देशभर के लोगों के लिए कई तरह की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इसमें महिलाओं से लेकर युवा और बुजुर्ग भी शामिल हैं. इसके साथ-साथ देश के अन्नदाताओं के लिए भी सरकार कई योजनाएं चला रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक है किसान सम्मान निधि योजना. इस योजना के तहत सरकार की ओर से देश के करोड़ों किसानों को 6000 रुपए प्रति वर्ष दिया सम्मान निधि के तौर पर दिया जाता है. लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्हें धन देने की बजाय सरकार इनसे धन की वसूली करती है. आइए जानते हैं कौनसी है वह योजना और क्या है धन वसूलने की वजह.
भारत सरकार की ओर से किसानों की आर्थिक सहायता के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ा सहारा बनी हुई है. इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपए की सहायता राशि तीन किस्तों में सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है. इसका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उन्हें खेती से जुड़ी आर्थिक दिक्कतों से राहत दिलाना है. हालांकि इस योजना के तहत कई किसान ऐसे भी हैं जो पात्र नहीं है. ऐसे अपात्र किसानों से सरकार धन की वसूली करती है.
फर्जीवाड़े पर सरकार की सख्त निगरानी
जैसा ही पहले ही बताया कि इस योजना का लाभ कुछ अपात्र लोग भी उठा रहे हैं, जिन्होंने गलत दस्तावेज या फर्जी जानकारी देकर योजना में नाम दर्ज कराया है. अब सरकार ने ऐसे मामलों पर सख्त रुख अपनाया है. जिन किसानों ने फर्जी बैंक अकाउंट, झूठे जमीन के दस्तावेज या अन्य गलत जानकारियों के आधार पर पैसे लिए हैं, उनसे अब पूरा अमाउंट वापस वसूला जा रहा है.
सरकार की ओर से यह साफ किया गया है कि अगर किसी किसान ने जानबूझकर गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में न केवल रकम की वसूली की जाएगी, बल्कि FIR दर्ज कर जेल तक भेजा जा सकता है.
जिनके दस्तावेज सही हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं
ऐसे सभी किसान जो योजना के पात्र हैं और जिनके दस्तावेज पूरी तरह से सत्यापित और वैध हैं, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. सरकार की सख्ती केवल उन किसानों के खिलाफ है जो नियमों का उल्लंघन कर योजना का गलत फायदा उठा रहे हैं.
जरूरतमंदों से छिन रहा है हक
सरकार का मानना है कि फर्जी लाभार्थियों की वजह से वास्तविक जरूरतमंद किसानों को योजना का लाभ मिलने में देरी या परेशानी होती है. इसलिए अब सिस्टम को पारदर्शी बनाने के लिए डेटा की जांच तेज कर दी गई है और आधार, बैंक अकाउंट व भू-अभिलेखों का मिलान अनिवार्य कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए एक कल्याणकारी पहल है, लेकिन इसमें फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों के कारण योजना की साख और उद्देश्य दोनों पर असर पड़ रहा है. सरकार अब ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई कर यह सुनिश्चित कर रही है कि केवल पात्र और ईमानदार किसान ही इस लाभ के हकदार बनें. अगर आप सही दस्तावेजों के साथ योजना में शामिल हैं, तो आप निश्चिंत रहें.
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