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भारत में पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) किसानों को आर्थिक मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण पहल है. इस योजना के तहत, सरकार छोटे और सीमांत किसानों को सालाना 6000 रुपये की सहायता राशि मुहैया कराती है, जो तीन किस्तों में 2000 रुपये की राशि में ट्रांसफर की जाती है. लेकिन अक्सर किसानों के बीच एक सामान्य सवाल उठता है: क्या वे किसान जो दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं, पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले सकते हैं?
क्या है इस योजना का लक्ष्य और पात्रता
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का मुख्य लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे कृषि कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों को आसानी से जुटा सकें. इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके नाम पर भूमि रजिस्टर्ड है. इसका मतलब है कि योजना के लाभार्थियों के पास उनकी खुद की रजिस्टर्ड जमीन होनी चाहिए, जिस पर वे खेती करते हैं.
दूसरों की जमीन पर खेती करने वाले किसान
वह किसान जो दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं, चाहे वे किराए पर हो या अन्य किसी रूप में, वे इस योजना के लाभार्थी नहीं हो सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ केवल उन किसानों को दिया जाता है जिनके नाम पर भूमि रजिस्टर्ड हो और जो खुद स्वामित्व के अधिकार में हों.
क्या किया जा सकता है?
1. भूमि रजिस्टर्ड करवाना: अगर आप अपनी खेती की भूमि को रजिस्टर्ड करवा सकते हैं और इसे अपने नाम पर करवा सकते हैं, तो आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र हो सकते हैं.
2. सहायता प्राप्त करना: अगर आपकी भूमि किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड है, तो आप अन्य सरकारी योजनाओं या सहायता कार्यक्रमों की जानकारी ले सकते हैं, जो कि किरायेदार किसानों को भी समर्थन प्रदान कर सकते हैं.
3. कृषि संगठनों से संपर्क: कृषि संगठनों या स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करके अन्य उपलब्ध योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जो आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं.