Pension News: देश में करोड़ों ऐसे लोग हैं जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं- जैसे माली, सफाईकर्मी, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक, डिलीवरी एजेंट, रेहड़ी-पटरी वाले आदि. ये लोग रोज मेहनत करते हैं, लेकिन रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए उनके पास कोई पेंशन या आर्थिक सुरक्षा नहीं होती. इसी जरूरत को समझते हुए केंद्र सरकार ने साल 2015 में 'अटल पेंशन योजना' (Atal Pension Yojana – APY) की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य है हर गरीब और असंगठित श्रमिक को 60 साल के बाद एक सुनिश्चित पेंशन मुहैया कराना.
किसके लिए है यह योजना?
अटल पेंशन योजना खासकर उन लोगों के लिए बनाई गई है जो EPFO, NPS या किसी सरकारी पेंशन योजना के अंतर्गत नहीं आते. यह योजना 18 से 40 साल की उम्र के भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, लेकिन 1 अक्टूबर 2022 से इनकम टैक्स भरने वाले इसमें शामिल नहीं हो सकते. इस पहल का लक्ष्य समाज के उस वर्ग को सशक्त बनाना है, जो भविष्य की वित्तीय योजना बनाने में सक्षम नहीं होता.
हर महीने 5000 रुपए तक पेंशन
इस योजना में पेंशन की राशि आपके की ओर से की गई मासिक जमा और जुड़ने की उम्र पर निर्भर करती है. इसमें 1,000 से लेकर 5,000 रुपए प्रतिमाह तक की पेंशन सुनिश्चित की जाती है, जो 60 साल की उम्र से मिलती है. इसे एक उदाहर से और आसान तरीके से समझ सकते हैं
आप 18 साल की उम्र में 42 रुपए प्रति माह जमा करने पर 1,000 रुपए पेंशन के हकदार बन जाते हैं.
इसी तरह 210 प्रति माह जमा करने पर 5,000 रुपए पेंशन के हकदार बन जाएंगे.
यानी जितनी कम उम्र में योजना से जुड़ेंगे, उतना ही कम मासिक योगदान देना होगा. बैंक या पोस्ट ऑफिस में बचत खाता होना अनिवार्य है, जिससे ऑटो-डेबिट सुविधा के जरिए पैसा जमा होता है.
सरकारी सहयोग और सुविधाएं
2015 से 2020 तक जो लोग योजना में शामिल हुए और इनकम टैक्स नहीं भरते थे, उनके लिए सरकार ने 5 वर्षों तक हर साल 1,000 या योगदान का 50 फीसदी (जो कम हो) खुद जमा किया. यह कदम गरीब तबके को योजना से जोड़ने के लिए एक अहम प्रोत्साहन था.
इसके अलावा, यदि योजना से जुड़े सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन की राशि जीवनसाथी को मिलती है. दोनों के निधन के बाद नामांकित व्यक्ति को पूरी जमा पूंजी दी जाती है। साथ ही, गंभीर बीमारी या आकस्मिक मृत्यु जैसी स्थितियों में योजना से समय से पहले निकासी की सुविधा भी है.
क्या है इसका असर?
2024 तक इस योजना से 6.6 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता का संकेत है. खासतौर पर 18 से 30 साल के युवाओं में इस योजना को लेकर उत्साह देखा गया है. कम मासिक जमा के साथ बेहतर भविष्य की उम्मीद लोगों को आकर्षित कर रही है. हालांकि, एक चुनौती यह भी है कि लगभग एक-तिहाई खाताधारक निष्क्रिय हैं, जो योजना की सतत सफलता के लिए एक चिंता का विषय है.
यह भी पढ़ें - DDA Housing Scheme 2025: दिल्ली में सिर्फ 11 लाख में घर दे रही सरकार, बुकिंग से लेकर ये रही पूरी जानकारी
यह भी पढ़ें - Pension News: सीनियर सिटीजन से लेकर दिव्यांगों के लिए आई अच्छी खबर, सरकार ने पेशन राशि में की बढ़ोतरी