क्या आपका खुद का मकान है और आप उसको किराए पर उठाते हैं. तो यह खबर पढ़कर आपको झटका लग सकता है. क्योंकि सरकार ने किराए पर मकान देने संबंधी सारे नियम बदल दिए हैं. ऐसे में अगर आप मकान किराए पर उठाने की सोचते भी हैं तो आपके पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. दरअसल, मकान मालिक और किराएदार संबंधी कानूनों में बदलाव का ऐलान पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश करते हुए किया. सरकार ने किराया संबंधी नियमों में बड़े बदलाव किए हैं. नए नियम उन लोगों को मुश्किल में डाल सकते हैं, जो अपना मकान किराए पर उठाते हैं. अब उनके लिए अपना मकान किराए पर देना आसान नहीं होगा. दरअसल, सरकार उन मकान मालिकों के लिए नया नियम लेकर आई है, जो टैक्स बचाने का काम करते हैं.
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नया नियम 2025 से होगा लागू
दरअसल, आम बजट में मोदी सरकार किराए पर मकान देने वालों के लिए बड़ा अपडेट लेकर आई है. सरकार ने मकान मालिकों द्वारा की जा रही टैक्स चोरी पर रोक लगाने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है. नए नियमों के अनुसार अब जो भी अपना मकान किराए पर देगा, उसको सरकार को टैक्स चुकाना ही पड़ेगा. नई नियमावली के अनुसार मकान मालिकों को अब किराए पर दिए मकान से होने वाली आमदनी को इनकम फ्रॉफ हाउस प्रोपर्टी के तौर पर दिखाना होगा. दरअसल, इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी का मतलब ऐसी कमाई से है, किसी भी शख्स को अपनी होम प्रोपर्टी से हुई आय पर कर देना.
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टैक्स संबंधी नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
सरल शब्दों में समझें तो अब किराए पर दिए मकान से होने वाली आमदनी पर टैक्स लगेगा. केंद्रीय बजट के अनुसार सरकार इस नियम को मकान मालिकों के लिए लेकर आई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह नियम एक अप्रैल 2025 से लागू माना जाएगा. हालांकि इनकम फ्रॉम हाउस प्रोपर्टी के तहत मकान मालिकों को कुछ छूट देने का भी प्रावधान किया गया है. अब वो प्रोपर्टी की नेट वैल्यू का 30 प्रतिशत टैक्स सेव कर सकेंगे. यह टैक्स डिडक्शन के तहत आता है. इसका मतलब यह है कि सरकार आपको कई तरह के व्यय पर छूट देती है.