Good News: देश में 15 रुपए लीटर तक गिर जाएंगे पेट्रोल के दाम! सरकार के ऐलान से देशभर में खुशी का माहौल

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर 60 प्रतिशत इथेनॉल और 40 प्रतिशत बिजली का उपयोग किया जाता है, तो पेट्रोल 15 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध हो सकता है. 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर 60 प्रतिशत इथेनॉल और 40 प्रतिशत बिजली का उपयोग किया जाता है, तो पेट्रोल 15 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध हो सकता है. 

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Mohit Sharma
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Good News: देश में 15 रुपए लीटर तक गिर जाएंगे पेट्रोल के दाम! सरकार के ऐलान से देशभर में खुशी का माहौल

एथेनॉल क्या है और इससे कैसे किसानों को लाभ मिल सकता है. आइए हम जानते हैं कि क्या है एथेनॉल और कैसे इससे किसानों को लाभ मिलेगा.  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एथेनॉल के दाम छह साल के शिखर पर पहुंच गए हैं. इन खबरों के बाद चीनी बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी आई है. एथेनॉल एक तरह का ऑइल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. एथेनॉल का उत्पादन वैसे तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है, लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर 60 प्रतिशत इथेनॉल और 40 प्रतिशत बिजली का उपयोग किया जाता है, तो पेट्रोल 15 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध हो सकता है. 

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किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

 केंद्र सरकार इसे चावल और मक्के से भी बनाने की तैयारी कर रही है. इसी बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमतें छह साल के उच्चतम स्तर दो डालर प्रति गैलन के स्तर पर पहुंच गई हैं. इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं और जो है एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे घरेलू शुगर इंडस्ट्री के हालात बहुत बेहतर हो जाएंगे. किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान भी जल्दी हो सकता है. किसान और आम आदमी को इससे काफी फायदा है, क्योंकि केंद्र सरकार ने देश में एथेनॉल का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध करा रही है. बीते कुछ महीनों में कई ऐसे प्लांट को मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में एक और प्लांट भी बढ़ेंगे और हमारे देश के युवाओं को नौकरी भी मिलेंगी. वहीं प्रोडक्शन बढ़ने से गन्ने का बकाया भुगतान की तेजी से हो पाएगा. फसलों का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों की आमदनी भी निश्चित रूप से बढ़ेगी. क्योंकि एथेनॉल गन्ना, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है. चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा, जिससे वह अपने प्रति बकाया को चुका सकेंगे.

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स्टैंडर्ड फ्यूल के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी

केंद्र सरकार ने स्टैंडर्ड फ्यूल के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है और अब तेल कंपनियों को सीधे ही हंड्रेड बेचने की अनुमति मिल गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले के बाद अब इस एथेनॉल को पेट्रोल डीजल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे पहले इसे पेट्रोल में मिलाया जाता था. मौजूदा समय में सरकार ने 2030 तक 20% एथेनॉल पेट्रोल में मिलाने का लक्ष्य रखा है.  पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में दस प्रतिशत एथेनॉल ब्लैंडिंग का लक्ष्य रखा था. 

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