काफी इंतजार के बाद दिल्ली और एनसीआर में मानसून ने दस्तक दे दी है. राहत की इस बारिश के दौरान दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के लगभग हर बड़े शहर में वाटर लॉगिंग होना आम बात है. सड़क पर जलभराव परेशानी का सबब तब बन जाता है जब आपकी कार उसमें फंस जाती है. परेशानी तब और बड़ी हो जाती है जब आपकी कार पानी में ही बंद हो जाए. ऐसी कई समस्याओं का समाधान हम आपके लिए लाए हैं...
- अगर आप ऐसी सड़क से होकर गाड़ी निकालने जा रहे हैं जहां काफी पानी भरा है तो आपको गाड़ी एकदम धीमी करके यह देखने की कोशिश करनी चाहिए कि जब बड़े पहियों वाले वाहन उस पानी को पार करते हैं तो उनका पहिया पानी में कितना डूबता है. जब आप आश्वस्त हो जाएं तभी गाड़ी को पहले गियर में डालकर स्पीड को बिना बढ़ाए धीरे-धीरे सरकाते हुए पानी से बाहर निकालने की कोशिश करें.
- अगर पास से गुजरती किसी बड़ी गाड़ी के तेजी से पानी उछालने से आपकी गाड़ी बंद हो जाए तो एक्सेलरेटर दे-देकर इंजन पर जोर देने और जबर्दस्ती गाड़ी बाहर निकालने की कोशिश न करें. मॉडर्न इंजन, खासकर डीजल इंजन बहुत सेंसिटिव होते हैं जिनमें पानी बड़ी आसानी से घुस जाता है. फिर इनको ठीक करने में काफी खर्च आता है. ऐसे में अच्छा तो यही होगा कि किसी की मदद लेकर कार को पानी से बाहर निकाल लें और स्टार्ट करने से पहले किसी अच्छे मकैनिक से चेक कराकर फ्यूल सिस्टम से पानी बाहर निकलवा लें.
अगर पानी कार के दरवाजों तक आ जाए
- यदि पानी आपकी गाड़ी के दरवाजों के लेवल तक पहुंच गया है, तो बेहतर होगा कि आप गाड़ी को कोई सुरक्षित स्थान देखकर पार्क कर दें.
- पानी का लेवल इससे ज्यादा बढ़ने पर पानी गाड़ी में दाखिल हो सकता है, जिससे गाड़ी की इलेक्ट्रॉनिक वायरिंग में शॉट सर्किट हो सकता है.
- कई मामलो में देखा गया है कि शॉट सर्किट की स्थिति में गाड़ी की सेंटर लॉकिंग और खिड़कियों के कांच काम करना बंद कर देते हैं. ऐसे में गाड़ी लॉक भी हो सकती है, तो बेहतर होगा कि गाड़ी को पार्क करके उससे निकल जाएं.
पानी में गाड़ी बंद हुई तो न करें स्टार्ट
- अगर पानी में होकर गाड़ी निकालते समय गाड़ी बंद हो जाए, तो गाड़ी को दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश न करें. ईंजन में पानी जाने से गाड़ी का ईंजन सीज भी हो सकता है. साथ ही अगर पानी में फंसी गाड़ी को बार-बार स्टार्ट करने की कोशिश की जाए, तो एग्जॉस्ट से होकर और ज्यादा पानी ईंजन तक पहुंच सकता है और ईंजन को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है.
- पानी में फंसी गाड़ी का बोनट खोलने की गलती भी न करें. ऐसा करके आप पानी को गाड़ी में जाने का रास्ता दे देंगे. ऐसी स्थिति में गाड़ी को किसी अन्य गाड़ी से खींचकर बाहर निकालना ही बेहतर होगा.
हेडरेस्ट से कांच भी तोड़ा जा सकता है
अगर किसी शॉट सर्किट या अन्य वजह से गाड़ी के दरवाजे और खिड़कियां न खुल रही हो, तो ऐसे में सबसे पहले सीट के ऊपर लगे हेडरेस्ट को निकालें और खिड़की का शीशा तोड़ने की कोशिश करें. आपकों बता दें कि हेडरेस्ट का एक सिरा काफी नुकीला बानाया जाता है, ताकि किसी इमरजेंसी की स्थिति में उससे शीशे तोड़े जा सकें.
कार को सड़कों पर भरे पानी से होने वाले नुकसान से इस तरह बचाया जा सकता है...
- पानी भरी सड़क पर अपनी गाड़ी की स्पीड को बिल्कुल कम कर दें और हल्का एक्सीलरेटर देते हुए गाड़ी को बढ़ाएं. इससे गाड़ी बंद नहीं होगी और आराम से पानी के बीच से निकल जाएगी.
- पानी में फंसे होने पर गाड़ी का AC ऑन न करें. इसे बंद रखें और विंडो ग्लास को एक चौथाई तक खोल लें. एसी ऑन रखते हुए गाड़ी चलाने से पानी इंजन में तेजी से घुस सकता है, जिससे गाड़ी के बंद होने का चांस सबसे ज्यादा रहता है. एक बार गाड़ी बंद होने के बाद आप बीच पानी में अटक सकते हैं.
- पानी में कार का ब्रेक डाउन होने पर कभी भी इंजन को चालू करने की कोशिश न करें. ऐसी हालत में गाड़ी को धक्का देकर सुरक्षित जगह पर बाहर निकालें. अगर पानी में फंसे होने के दौरान गाड़ी स्टार्ट करने की कोशिश की तो इससे इंजन सीज हो सकता है. इंजन सीज होने पर इन्श्योरेंस कंपनी से किसी प्रकार का कोई क्लेम नहीं मिलेगा.
- बारिश के वक्त गाड़ी के सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम को ऑफ कर दें. अगर यह ऑन रहा तो इंजन के ऑफ होने पर यह भी बंद हो जाता है. इससे गाड़ी को आप लाख चाहने के बाद खोल नहीं पाएंगे.
- वाटर लेवल के पहिए से ऊपर पहुंचने पर गाड़ी को कभी भी स्टार्ट न करें और तुरंत अपनी कार से निकल जाएं.
पानी से भरी सड़क में गाड़ी आखिर बंद क्यों हो जाती है?
- आमतौर पर इंजन में पानी एयर क्लीनर और उससे होकर फ्रंट ग्रिल में जा रहे एक्सटेंशन से घुस जाता है.
- ऐसे में ध्यान रखें कि पानी से गाड़ी निकालते वक्त पानी फ्रंट ग्रिल पर न पड़े.
- डीजल इंजन तो पानी की छोटी-सी बौछार के प्रति भी बहुत ही सेंसिटिव होते हैं. ऐसे में ज़रा सी भूल भी काफी महंगी पड़ सकती है.
- बरसातों में टायरों की कंडिशन भी अच्छी होनी चाहिए ताकि रोड पर गाड़ी की पकड़ मज़बूत बनी रहे. इसके लिए टायरों की मोटाई 3 मिलीमीटर तो होनी ही चाहिए. इन हालातों में एबीएस वाली कारें अच्छी रहती हैं.
बारिश के दिनों में कार में आपातकाल के लिए ये चीज़ें जरूर रखनी चाहिए
हमेशा आवश्यक मात्रा में ईंधन भरवा कर रखना चाहिए. इसके अलावा, कुछ स्नैक्स या टाइम पास करने के लिए कुछ खाने का सामान भी रख लेना चाहिए. अपनी पसंद का म्यूजिक और फुल चार्ज्ड चार्जर और मोबाइल फोन भी साथ में जरूर रखना चाहिए.