भारत में 2, 3, 4 व 5 से क्यों शुरू नहीं होते मोबाइल नंबर? जानिए वजह
सिम कार्ड को एक्टिव करने से आपको एक मोबाइल नंबर मिलता है, जो आपको अन्य फोन नंबर से जोड़ने में मदद करता है. भारत में यह मोबाइल नंबर 10 अंक का है.
नई दिल्ली:
यूं तो विज्ञान ने मानव जीवन को पहले से कहीं अधिक सरल बना दिया है, लेकिन मोबाइल ने इंसान के जीवन को बिल्कुल बदल कर रख दिया है. यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि आप पलक झपकते ही दुनिया के किसी कौने में बैठे अपने मित्र, परिजन या रिश्तेदार से बात कर सकते हैं. सच पूछो तो कनेक्टेविटी में सुधार ही मोबाइल की वजह से संभव हो पाया. लेकिन मोबाइल फोन भी एक छोटे से सिम कार्ड के माध्यम से ही संचालित हो पाता है. सिम कार्ड को एक्टिव करने से आपको एक मोबाइल नंबर मिलता है, जो आपको अन्य फोन नंबर से जोड़ने में मदद करता है. भारत में यह मोबाइल नंबर 10 अंक का है.
भारत में मोबाइल नंबर की शुरुआत 91 से होती है, जो हमारे देश का कंट्री कोड है. जिसके बाद फिर 6, 7, 8 व 9 जैसे अंक आते हैं. लेकिन क्या कभी आपके मन में यह सवाल आया है कि मोबाइल नंबरों की शुरुआत 2, 3, 4 या 5 से क्यों नहीं होती. या फिर भारत में आखिर मोबाइल नंबर की शुरुआत 6, 7, 8 या 9 नंबरों से क्यों होती है.
आपको बता दें कि 1 से शुरू होने वाले नंबर अधिकांशत: सरकारी सेवाओं से जुड़े होते हैं. इसलिए इनको पब्लिक यूज के लिए जारी नहीं किया जा सकता है. वहीं, दूसरी ओर 2, 3, 4 व 5 से शुरू होने वाले नंबरों का इस्तेमाल लैंडलाइन फोन से किया जाता है. यही वजह है कि ऐसे नंबरों को मोबाइल में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
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