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कर्मचारियों को मोदी सरकार देने जा रही है बड़ा तोहफा, सप्ताह में सिर्फ 4 दिन करेंगे काम

सरकार नए श्रम कानूनों को लागू करने का विचार कर रही है. इस बात की जानकारी सोमवार को श्रम सचिव ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी. श्रम सचिव ने बताया कि नए लेबर कोड में ये विकल्प रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकेंगे.

Updated on: 09 Feb 2021, 09:20 AM

highlights

  • नए कानून के मुताबिक सप्ताह में तीन अवकाश
  • सप्ताह में सिर्फ 4 दिन करना होगा काम
  • दुनिया की सबसे युवा पीएम ने भी अपने देश में किया लागू

 

नई दिल्ली:

आपने कभी ऐसी कल्‍पना की है कि अगर आपको सप्‍ताह में एक या दो के बदले तीन-तीन साप्‍ताहिक अवकाश मिलने लगे और बाकी 4 दिन केवल 6 घंटे ही काम करने हों तो आपको कैसा लगेगा. आने वाले एक अप्रैल से भारतीय लोगों के लिए ये खबर बिलकुल सही हो सकती है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) आगामी एक अप्रैल से कर्मचारियों (Employes) के हितों से जुड़ा एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. केंद्र सरकार के इस फैसले से एक अप्रैल 2021 के बाद आपकी पीएफ, ग्रेच्युटी और आपके ड्यूटी ऑवर्स में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. आपको बता दें कि एक तरफ जहां आपकी ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (PF) मद में बढ़ोतरी होगी वहीं, हाथ में आने वाला पैसा (Cash In Hand) घटेगी. सरकार काम करने के घंटों को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. 

सरकार के इस फैसले से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होती इसलिए सरकार पिछले साल संसद में पास किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल) को इस साल एक अप्रैल से लागू कर सकती है. सरकार नए श्रम कानूनों को लागू करने का विचार कर रही है. इस बात की जानकारी सोमवार को श्रम सचिव ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी. श्रम सचिव ने बताया कि नए लेबर कोड में ये विकल्प रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकेंगे. नए नियमों के तहत काम के घंटों को बढ़ाकर 12 घंटे तक किया जा सके. आपको बता दें कि कामकाजी घंटों की सप्ताह में अधिकतम सीमा 48 घंटे है. ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा घट जाएगा. ऐसे में आपके कामकाजी घंटों की संख्या कम हो जाएगी.  

73 सालों में पहली बार होगा श्रम कानून में बदलाव
आगामी एक अप्रैल से केंद्र सरकार वेज (मजदूरी) की परिभाषा बदलने जा रही है. अब आपको मिलने वाली कुल सेलरी भत्ते के अधिकतम 50 फीसदी होंगे. इस फैसले का मतलब यह होगा कि मूल वेतन (सरकारी नौकरियों में मूल वेतन और महंगाई भत्ता) अप्रैल से कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि देश में 73 सालों में पहली बार श्रम कानूनों में बदलाव किया जा रहा है. सरकार दावा कर रही है कि नया श्रम कानून नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा. 

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ऐसा है सरकार का श्रम कानून का नया ड्राफ्ट
सरकार ने जो नया ड्राफ्ट तैयार किया है उसके मुताबिक कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है. वहीं ओएसएच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. अभी तक के नियमों के मुताबिक 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम नहीं माना जाता है. ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है. कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं.

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इस देश में भी जनवरी में आया था ये प्रस्ताव
जब आप अपने परिवार को अधिक समय दे पाएंगे और आपकी उत्‍पादकता बेहतर हो जाएगी. आपको बता दें कि फिनलैंड में यह बात सच होने जा रही है. दुनिया और फिनलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री सना मारिन काम के घंटों को घटाने जा रही हैं. अगर उनका प्रस्‍ताव लागू हो जाता है तो हफ्ते में तीन दिन साप्‍ताहिक अवकाश मिलने लगेगा और बाकी 4 दिन केवल 6 घंटे ही काम करने होंगे. 34 वर्षीय की मरीन का तर्क है कि इससे उत्पादकता में सुधार और लोगों को पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखने में यह नया प्रस्‍ताव मददगार साबित होगा. फिनलैंड में अभी हफ्ते में 5 दिन रोजाना 8 घंटे काम करने का नियम लागू है.