बहुत काम की है ये स्कीम, आत्मनिर्भर बनने के लिए मिलती है पूरी मदद

अगर आप भी अल्प आय वाले हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की हो सकती है.  क्योंकि सरकार ने महिला कों आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी. जिससे जुड़कर संबंधित महिला अपना जीवन संवार सकती है.

अगर आप भी अल्प आय वाले हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की हो सकती है.  क्योंकि सरकार ने महिला कों आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी. जिससे जुड़कर संबंधित महिला अपना जीवन संवार सकती है.

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Sunder Singh
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mahila scheem

सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : news nation)

अगर आप भी अल्प आय वाले हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की हो सकती है.  क्योंकि सरकार ने महिला कों आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी. जिससे जुड़कर संबंधित महिला अपना जीवन संवार सकती है. सुकन्या समृद्धि योजना एक सरकारी बचत योजना है जो भारत सरकार द्वारा बेटीयों की आर्थिक सुरक्षा और उनके भविष्य को समृद्धि से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई थी. तब से लेकर अब तक करोड़ों लोग स्कीम का ले चुके हैं.. 

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1. लाभ:इस योजना के तहत भारतीय नागरिक अपनी बेटी के लिए एक खाता खोल सकते हैं और उसमें नियमित रूप से जमा कर सकते हैं। इस खाते का उद्देश्य उनकी शिक्षा और विवाह के लिए धन इकट्ठा करना है।
2. आवेदन की योग्यता: इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए बच्ची की आयु को नवजात से 10 वर्ष तक की आयु के बीच होनी चाहिए।
3. खाता खोलने की प्रक्रिया: सुकन्या समृद्धि खाता बच्ची के नाम से बनता है और यह लोकल बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है।
4. जमा और वापसी: खाता खोलने के बाद, वालिद प्रमाणपत्र और बच्ची की फोटो के साथ आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है। वर्षिक रूप से कम-से-कम 250 रुपये और अधिक से-अधिक 1,50,000 रुपये तक जमा किए जा सकते हैं। इस योजना का अवधि 21 वर्ष है और इसका अवधि का अंत करने पर पूरे राशि को बेटी को सौंपा जा सकता है।
5 . दर: योजना में प्रतिवर्ष 2022-23 के दौरान योजना में 6.9% ब्याज दर प्रदान की जाती है, जो वित्तमंत्री द्वारा स्थिर की गई है।
6 . टैक्स लाभ: सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत की गई राशि पर ब्याज और वापसी पर कोई कर नहीं लगता है, जिससे इसमें टैक्स बचत होती है।
7. परिस्थितियों में वापसी: यदि आवश्यकता हो, योजना में जमा की गई राशि को प्रतिवर्ष कमी-ज्यादा कर सकते हैं, जो परिस्थितियों के अनुसार हो सकता है।
8 . नियमित नियंत्रण और अपडेट: बच्ची के खाते की स्थिति और राशि की स्थिति को नियमित रूप से नियंत्रित करें और आवश्यकता पर अपडेट करें।
9: आदान-प्रदान में सुधार: सुकन्या समृद्धि योजना में आदान-प्रदान में सुधार करने के लिए सरकारी निर्देशों का पालन करें और योजना की जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

Source :

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