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15 फरवरी तक निपटा लें बैंक से जुड़ा ये जरूरी काम, नहीं तो हो जाएगा ये बड़ा नुकसान

अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System)के तहत खाता खोलने का प्लान बना रहे हैं तो जल्दी ये काम निपटा लें. वरना तय समय-सीमा के बाद दोगुना शुल्क चुकाना होगा.

Updated on: 05 Feb 2022, 06:09 PM

highlights

  • नेशनल पेंशन स्कीम को लेकर बजट में किया गया बदलाव 
  • समय-सीमा के अनुसार निपटाना होगा NPS अकाउंट से जुड़े सभी काम 

नई दिल्ली :

अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System)के तहत खाता खोलने का प्लान बना रहे हैं तो जल्दी ये काम निपटा लें. वरना तय समय-सीमा के बाद दोगुना शुल्क चुकाना होगा. जी हां, पेंशन फंड (pension funds) नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA)ने पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) आउटलेट पर दी जाने वाली एनपीएस से संबंधित सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी की है. एग्जिट और विड्राल की प्रोसेसिंग पर सेवा शुल्क (Service Fees)का नियम बदला गया है. यदि आप 15 फरवरी के बाद ये खाता खुलवाते हैं तो आपको 500 रुपए तक शुल्क चुकाना होगा. जबकि अभी ये शुल्क इसके आधा है.

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 eNPS प्‍लेटफॉर्म के लिए फीस कब से लागू
eNPS का सेवा शुल्क अंशदान के 0.10 प्रतिशत से बढ़ाकर अंशदान का 0.20 प्रतिशत कर दिया गया है। यानि न्यूनतम 15 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये किया गया है। यह रिवाइज्‍ड फीस 15 फरवरी, 2022 से प्रभावी होगी। पीओपी के पास ग्राहकों के साथ शुल्क को लेकर मोलभाव करने का विकल्प होगा लेकिन तय न्यूनतम और अधिकतम फीस स्‍ट्रक्‍चर में ही पेमेंट लेना होगा।
15 फरवरी से लागू होगा बढ़ा हुआ शुल्क 

आपको बता दें कि eNPS का सेवा शुल्क अंशदान के 0.10 प्रतिशत से बढ़ाकर अंशदान का 0.20 प्रतिशत कर दिया गया है. यानि न्यूनतम 15 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये किया गया है. यह रिवाइज्‍ड फीस 15 फरवरी, 2022 से प्रभावी होगी. पीओपी के पास ग्राहकों के साथ शुल्क को लेकर मोलभाव करने का विकल्प होगा. लेकिन तय न्यूनतम और अधिकतम फीस स्‍ट्रक्‍चर में ही पेमेंट लेना होगा. पहले, शुल्क 200 रुपये तय किया गया था. अब इसकी सीमा 200 रुपये और अधिकतम 400 रुपये के बीच बढ़ाई गई है, जो इस स्लैब के भीतर नेगोशिएबल है.

सभी गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए शुल्क 20 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है. Persistency fees की सीमा 50 रुपये प्रति वर्ष थी. हरेक ग्राहक के लिए पीओपी को Persistency fees मिलती है. ऐसा ग्राहक जिसका खाता उनके द्वारा खोला गया है और जो एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1000 रुपये का योगदान देता है। सब्सक्राइबर को एक वित्तीय वर्ष में छह महीने से अधिक के लिए पीओपी से जुड़ा होना चाहिए. अब इसे 1000 रुपये से 2999 रुपये के बीच वार्षिक योगदान के लिए 50 रुपये सालाना कर दिया गया है.