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School News: स्कूल खुलने के बाद परेशान हुए पैरेंट्स, सता रही ये चिंता

एक तो कोरोना के चलते वैसे ही बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाई है. हाल ही में दिल्ली एनसीआर में स्कूल तो खोल दिये गये हैं. लेकिन प्राइवेट संस्थानों ने अभी स्कूल बसों का संचालन शूरू नहीं किया है.

Updated on: 22 Feb 2022, 04:16 PM

highlights

  • सोशल मीडिया पर दर्द कर रहे बयां, बोले घर लौटने की है चिंता 
  • प्राइवेट शिक्षण संस्थानों ने अभी अपनी बसें नहीं की शूरू
  • कई पैरेंटस अभी भी नहीं भेज पा रहे अपने बच्चों को स्कूल 

नई दिल्ली :

एक तो कोरोना के चलते वैसे ही बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाई है. हाल ही में दिल्ली एनसीआर में स्कूल तो खोल दिये गये हैं. लेकिन प्राइवेट संस्थानों ने अभी स्कूल बसों का संचालन शूरू नहीं किया है. जिसके चलते दिल्ली ही नहीं, नोएडा और एनसीआर के दूसरे शहरों में भी कई पैरंट्स इन दिनों बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं. कई परिवारों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि सुबह तो हम भी ऑफिस जाने से पहले बच्चों को स्कूल छोड़ सकते हैं. लेकिन घर लौटने की चिंता सताती रहती है कि बच्चे स्कूल से वापस लौटे या नहीं. जानकारी के मुताबिक अब भी इसी डर से हजारों पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं.

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आपको बता दें कि सेंट्रल दिल्ली (Delhi School) में रहने वाले एक अभिभावक के दोनों बच्चे एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं. पिछले दिनों समीर और उनकी पत्नी का ऑफिस भी शुरू हो गया है. दोनों पहले की तरह ऑफिस जा रहे हैं. साकेत में रहने वाले इस कपल के सामने अब मुश्किल बड़ी है. दरअसल, उनके बच्चों के स्कूल भी खुल गए हैं. वे सातवीं और तीसरी क्लास में पढ़ने वाले अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, लेकिन भेज नहीं पा रहे हैं. क्योंकि बड़ी समस्या स्कूल बस की सामने आ रही है. क्योंकि अभी तक प्राइवेट संस्थानों ने अपनी बसें शुरू नहीं की हैं.  बड़ा टास्क बताकर सेवा शूरू नहीं कर रहे हैं स्कूल प्रबंधन, उनका कहना है कि ट्रांस्पोटेशन शूरु करने के लिए चाहिये तैयारी. अभी और समय लगेगा.

आपको बता दें कि उधर, स्कूलों की ओर से कहा जा रहा है कि दो साल के अंतराल के बाद ट्रांसपोर्ट सेवाओं को फिर से शुरू करना बड़ा टास्क है. इसके लिए पूरी तैयारी चाहिए. माउंट आबू पब्लिक स्कूल, रोहिणी की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा ने आश्वस्त किया है कि अगले हफ्ते से बसें शुरू हो जाएंगी. अरोड़ा ने कहा, हम माता-पिता से उनकी सहमति ले रहे हैं और उस आधार पर हमने बस रूट तय किया है. शारीरिक दूरी को लेकर कोविड प्रोटोकॉल के कारण, हमें एक ही रूट पर दो बसें चलानी हैं और इस तरह का प्रबंधन करने में समय लगता है. साथ ही फिटनेस से लेकर अन्य जरूरी डॅाक्यूमेंशन भी जरूरी है उसके बाद ही सेवाएं शुरू की जाएंगी.