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सड़क परिवहन मंत्रालय ने फास्टैग को लेकर क्यों दिया नया आदेश, पेनाल्टी के दायरे में ये आएंगे

KYC of Fastag is Mandatory: केवाईसी दायरे में नए फास्‍टैग आएंगे. इसकी वजह है कि पुराने सालों में फास्‍टैग आधार से लिंक हैं. इनका केवाईसी है.

Updated on: 15 Jan 2024, 09:12 PM

नई दिल्ली:

KYC of Fastag is Mandatory: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक वाहन, एक फास्टैग का शुभारंभ किया है. इसके तहत एकल फास्टैग का उपयोग अथवा एक विशेष वाहन को लेकर कई फास्टैग को जोड़ने से रोकना है. फास्टैग का समय से पहले केवाईसी कराना जरूरी है. यहां बकाया धनराशि के साथ अपूर्ण केवाईसी वाले फास्टैग को 31 जनवरी 2024 के बाद बैंकों द्वारा ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. टोल पहुंचने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है.  

सड़क परिवहन मंत्रालय में पीआईबी की एडीजी जेपी मट्टू सिंह का कहना है कि केवाईसी दायरे में नए फास्‍टैग आएंगे. इसकी वजह है कि पुराने सालों में फास्‍टैग आधार से लिंक हैं. इनका केवाईसी है. पुराने फास्‍टैग में इस तरह की समस्या आ रही है. ये ब्‍लैकलिस्‍ट हो जाएंगे. 

KYC कराने के लिए कहां जाना होगा?

ऐसे फास्‍टैग रखने वाले को अपने बैंकर के पास जाना होगा. यहां से केवाईसी को अपडेट कराना होगा. मसलन किसी ने पेटीएम फास्‍टैग लिया है तो पेटीमए में जाकर अपडेट करें. अगर किसी ने बैंक लिया है तो वहां जाकर अपडेट कराना होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ वाहन चालक इसका लाभ उठा रहे हैं. वे छोटी गाड़ी के फास्‍टैग से कमर्शियल गाड़ी को चला रहे हैं. छोटी गाड़ी का टोल 100 रुपये तक होता है.

वहीं कमर्शियल 500 रुपये. फास्‍टैग में छोटी गाड़ी का नंबर दर्ज है. ऐसे कार्ड रीडर कमर्शियल गाड़ी को रीड करेगा और 100 रुपये  ही टोल कटेगा. इस तरह वाहन चालक राजस्‍व का नुकसान कर रहे हैं. एक वाहन में एक फास्‍टैग लगाना जरूरी होगा.