New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/02/28/train-express-31.jpg)
भारतीय रेलवे( Photo Credit : फाइल )
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
भारतीय रेलवे( Photo Credit : फाइल )
भले ही कोरोनावायरस के कारण लगाए गए राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से रेलवे को अपनी सभी यात्री ट्रेन, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन को बंद करना पड़ा हो, मगर रेलवे अपनी आय से परिचालन व्यय को पूरा करेगा. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव ने शनिवार को यह बात कही. रेलवे को 2020 में यात्री राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में 87 प्रतिशत नुकसान हुआ है. कोरोना महामारी के बीच रेलवे को हुए नुकसान के संबंध में बात करते हुए यादव ने यह टिप्पणी की.
यादव ने यहां साल के अंत में एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कई व्यय नियंत्रण उपायों और माल ढुलाई से होने वाली कमाई से यात्री खंड को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, कोविड महामारी के कारण भारतीय रेलवे को अब तक यात्री राजस्व में 87 प्रतिशत की कमी झेलनी पड़ी है, जो पिछले साल के 53,000 करोड़ रुपये से घटकर सिर्फ 4,600 करोड़ रुपये रह गई है.
यादव ने कहा कि रेलवे को माल ढुलाई के राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है. उन्होंने खाद्यान्न और उर्वरकों जैसे गैर-पारंपरिक वस्तुओं की ढुलाई के जरिए भरपाई करने की उम्मीद जताई है. यादव ने कहा, रेलवे ने पिछले साल की तुलना में अब तक 12 प्रतिशत कम खर्च किया है. हमने अपने खर्च को नियंत्रित कर लिया है और चूंकि कुछ ट्रेनें नहीं चल रही हैं, इसलिए हम ईंधन और इन्वेंट्री पर बचत कर रहे हैं. कोविड-19 के बावजूद, हम अपने राजस्व से अपने परिचालन व्यय को पूरा करेंगे.
उन्होंने कहा, हमने पिछले साल के माल ढुलाई और माल ढुलाई राजस्व दोनों को पार कर लिया है. इसलिए इस साल का राजस्व माल ढुलाई से पिछले साल की तुलना में अधिक होगा. यादव ने कहा कि इस साल राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की सबसे बड़ी उपलब्धियां यह रही हैं कि वह आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बनाए रखने में कामयाब रहा है. उन्होंने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 63 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजा गया. बुलेट ट्रेन परियोजना के रूप में लोकप्रिय 508 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल का विवरण देते हुए, यादव ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे को आश्वासन दिया है कि अगले चार महीनों में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बाकी जमीन दी जाएगी.
उन्होंने कहा, एक बार ऐसा हो जाने पर, हम पूरी लाइन पर काम शुरू कर सकते हैं और फिर दोनों राज्यों की बुलेट ट्रेन को एक साथ चलाया जा सकता है. हमें अगले चार महीनों में पूरी तस्वीर मिल जाएगी और फिर तय किया जाएगा कि कमीशन चरणों में किया जाएगा या एक बार में. हालांकि, अगर महाराष्ट्र भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है, तो वापी तक 325 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. यह निर्णय चार महीने में लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक परियोजना के लिए 68 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया है.
Source : News Nation Bureau